Kavad Yatra : देखें क्या है कावड़ यात्रा, क्यों सावन माह में ही चढ़ाते है जल

WHAT IS KAVAD YATRA : अक्सर आप और हम सावन के महीने में लोगो को भगवा रंग के कपड़े पहनकर और साथ में एक लकड़ी पर श्रद्धा अनुसार जल के लोटे या बड़े घड़ों में पवित्र जल ले जाते देखा होंगा जिसे हिन्दू धर्म में कावड़ यात्रा कहते है। मान्यता अनुसार आस्था के अनुरूप लोग अपने पास की पवित्र नदी या गंगा नदी से जल को अपने कंधे पर रख कर नंगे पैरो से पैदल चलकर पास के शिवलिंग या किसी बड़े ज्योतिर्लिंग या अपनी मन्नत के अनुसार भगवान भोलेनाथ की शिवलिंग पर अभिषेक करते हैl बहुत लोग सांवन माह में गंगा जी से पवित्र जल ला कर अपने गांव में भोलेनाथ के शिवलिंग पर अभिषेक करते है।

कावड़ यात्रियों के लिए वैसे तो सावन की शिवरात्रि का सबसे उत्तम दिन माना जाता है लेकिन कावड़ यात्री अपने सुविधा अनसॉर कावड़ यात्रा के लिए सावन के किसी भी सोमवार को कावड़ यात्रा ले कर जा सकते हैl साथ ही प्रदोष वाले दिन भी कावड़ यात्रा कर सकते हैंl कहते है शिव जी का अभिषेक इस तरह कावड़ यात्रा करने से आपको अपार सुख समृद्धि प्राप्त होती है।

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क्यों सावन माह में ही चढ़ाते है जल | Kavad Yatra

कई पौराणिक कथा और हिन्दू शास्त्रों की मान्यता अनुसार कहा जाता है कि समुद्र मंथन सावन मास में ही हुआ था जिसमे शिवजी ने विष का प्याला पिया था। इस विष से भगवान भोलेनाथ के कंठ में पीड़ा होने लगी थी जिसे काम करने के लिए सभी देवी-देवताओं ने विष के प्रभाव को कम करने के लिए उनका जल और विभिन्न सामग्री से अभिषेक किया था। तब ही से पवित्र सावन माह में शिव जी का अभिषेक किया जाता हैl

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कहीं-कहीं शास्त्रों में रावण और परशुराम का भी उल्लेख मिलता है कि इन्होंने कावड़ यात्रा करके पवित्र गंगा नदी का जल लाकर भगवान शिव जी का अभिषेक किया थाl जिससे वे प्रसन्न हुए और उन्हें वरदान दिए थे। और कहीं श्रवण की कावड़ यात्रा का उल्लेख मिलता हैl ऐसी भी मान्यता है कि श्री राम जी ने भी का गंगाजी का जल लाकर बाबा धाम में शिवलिंग का अभिषेक किया थाl

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