Three-tier Employment Generation : भारत को पूर्ण रोजगार युक्त बनाने के लिए इस योजना पर काम करना पड़ेंगा।
Three-tier Employment Generation Scheme :- पहला काम वर्तमान में देश में चल रहे छोटे छोटे रोज़गार देने वाले काम करना चाहिए। दूसरा काम जो हमें करना हैं वह हैं हर जिलों में ऐसे केंद्र का निर्माण करना हैं जो सृजन (एम्प्लॉयमेंट जनरेसन ) का काम करती रहे। तीसरा काम जो होना चाहिए वह है हमारे देश के युवाओं की मानसिकता बदलना जिससे वे रोजगार उत्पन्न करने वाले बने।
Encourage self employment | स्वरोजगार को प्रोत्साहन देना देना
भारत में अभी करीब 7 करोड़ लघु और कुटीर उद्योग हैं और स्वरोजगार करने वाले लोगो की भी संख्या भी करोड़ो में हैं। हमें जरूरत हैं इन लोगो को सम्मान और प्रोत्साहन देना चाहिए। इनकी परेशानियों को सुन्ना चाहिए। बहुत बार स्किल की कमी के कारण भी स्वरोजगार (Three-tier Employment Generation) करने वाले लोगो को स्किल की कमी के कारण अपना काम बंद करना पड़ता हैं। तो हमें स्किलड लोगो की भी बहुत जरूरत हैं।
Youth should make this resolution | युवाओ को यह संकल्प लेना चाहिए
- हम पढ़ते हुए ही कमाई शुरू करेंगे ,जल्दी कमाई शरू करेंगे।
- हम नौकरी करने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनेंगे।
- थिंक बिग ,थिंक न्यू ,थिंक आउट ऑफ़ द बॉक्स यानि की “हम बड़ा सोंचे, नया सोचें, सामान्य से हटकर सोचें।
- दृढ़ इच्छाशक्ति ,परिश्रमी होना,साहसी होना , विश्वसनीय बनना और स्वदेसी आवश्यक हैं।
- एक संकल्प होना चाहिए स्वदेसी आवश्यक,” देश को प्राथमिकता देना होंगा”।
Creation of employment system in the Home district | जिला रोजगार केन्द्रो का निर्माण करना
प्रत्येक जिले की अपनी आवश्यकता और कौशल की शक्ति होती हैं। जिलों की आवश्यकता,संसाधन,युवा शक्ति का अपना अपना स्वभाव होता हैं उनकी शिक्षा और स्किल भी अलग होती हैं। गृह जिला होने से वहा की इंडस्ट्रियल स्ट्रक्चर को समझना आसान हो जाएंगे वही के लोगो को प्राथमिकता देना देश में स्वरोजगार को बढ़ावा होता हैं।
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यह केंद्र एक बड़ी भूमिका निभाता हैं इसलिए हर एक जिले में एक रोजगार निर्माण केंद्र की स्थापना करना और वहा से ही सब प्रकार की रोजगार निर्माण की योजना बनाना,यह एक सफल प्रेक्टिकल(Three-tier Employment Generation) के तौर पर उभर कर बहार आरहा हैं।
इन केन्द्रो में क्या होना चाहिए | Three-tier Employment Generation center
जैसे विकेंद्रीकरण व उद्यमिता यह सुदृढ़ अर्थव्यवस्था व रोजगार सृजन के लिए आवश्यक तत्व हैं। इसकी प्रत्यक्ष प्रक्रिया का केंद्र होगा, जिला रोजगार सृजन केंद्र।
- यह जिला केंद्र, किसी विश्वविद्यालय अथवा महाविद्यालय के साथ मिलकर चलाया जा सकता है।
- इस केंद्र में युवाओं को सब प्रकार की जानकारियां, वहीं पर ही मिलने की सुविधा का प्रबंध हो।
- उन्हें नए उद्यम स्थापित करने में किस प्रकार की चुनौती आ सकती है और उनका समाधान क्या हो सकता है, इसका प्रशिक्षण होना चाहिए।
- उन्हें सरकारी नौकरियों व रोज़गार संबंधी सब प्रकार की योजनाओं की सूचनाओं व जानकारियों की व्यवस्था होनी चाहिए।
- सब प्रकार की देश और विदेश में निकलने वाली नौकरियां व रोजगार की प्रक्रियाओं के बारे में इस एक स्थान पर सूचनाएं मिलने की व्यवस्था हो।
- उन्हें अर्न व्हाईल लर्न की प्रक्रिया में जाने के लिए प्रेरणा व प्रशिक्षण भी यहीं से मिले।
- इसका संचालन महाविद्यालय व संगठन के कार्यकर्ता मिलकर कर सकते हैं। एक प्रमुख के साथ 6-7 लोगों की टोली इसका संचालन करे।
ब्लॉक लेवल पर भी इसे स्थापित किया जाना चाहिए
भारत के सभी 739 जिलों पर इस प्रकार के केंद्र बनने व सफलता से चलने के बाद इसे ब्लॉक स्तर पर भी स्थापित करने का विचार किया जा सकता है। कुल मिलाकर एक तंत्र ऐसा अवश्य विकसित हो जो स्थानीय स्तर पर ही रोजगार व अर्थ सृजन की समस्या का समाधान कर सके।
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