पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा।

बागेश्वर धार्म के पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को लेकर विवाद जारी है. कोई उनका विरोध कर रहा है तो कोई समर्थन दे रहा है. इस बीच सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा ने उन्हें समर्थन देते हुए एक सीख दी है.

Pandit Dhirendra Krishna Shastri :- पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को समर्थन देने वाले लोगों की इसी कड़ी में सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा का नाम भी जुड़ गया है. पंडित प्रदीप मिश्रा ने संत धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को एक सीख दी है. पंडित मिश्रा ने कहा कि सनातनी कभी अकेला नहीं होता.

विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा | Pandit Dhirendra Krishna Shastri

छतरपुर स्थित बागेश्वर धार्म के पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के दावों को लेकर लड़ाई अब आस्था और अंधविश्वास की हो गई है. वर्तमान में विरोध और समर्थन दोनों ही मिल रहे हैं. दो दिन पहले जहां कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने बागेश्वर धार्म के पंडित धीरेन्द्र शास्त्री पर तंज कसा था तो वहीं प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने उनका समर्थन किया.

सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा के दौरान कही ये बात

व्यास पीठ से कहा कि संत हो, साधु हो, गुरु हो, ब्राह्मण हो, तपस्वी हो, साधक हो, इनकी परीक्षा बहुत होती है और परीक्षा में घबराना भी नहीं. जो सनातन धर्म की की ओर अग्रणी होगा, आगे बढ़ेगा सनातन धर्म की ध्वजा लेकर आगे बढ़ेगा उसकी परीक्षा हर जगह पर होगी. वर्तमान में रामकथा के वक्ता पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री वह भी सनातन धर्म की ध्वजा लेकर आगे बढ़े. जो सनातन धर्म की ध्वजा लेकर आगे बढ़ते हैं(Pandit Dhirendra Krishna Shastri) उनके बीच-बीच में अटकल देने वाले आते हैं.

Pandit Dhirendra Krishna Shastri
Pandit Dhirendra Krishna Shastri

भोलेनाथ, कुबेर भंडारी, भी है साथ

धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी से इतना ही कहना चाहूंगा इस व्यास पीठ से कि सनातनी कभी अकेला नहीं होता. उसके साथ मेरा राम, कृष्ण और शिव होता है. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को यह विचार कर लेना चाहिए कि आप अकेले नहीं है. भोलेनाथ, कुबेर भंडारी, राम, कृष्ण और एक-एक सनातनी धर्म का व्यक्ति आपके साथ कदम से कदम मिलाकर खड़ा है. आप सनातन धर्म की ध्वजा को आगे बढ़ाते(Pandit Dhirendra Krishna Shastri) चलो. जो एक बार भगवा को सिर पर धारण कर लेते हैं वे भगवान के ही होकर चलते हैं.

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