Shivaji Jayanti: क्षत्रीय लोणारी कुनबी समाज संगठन 19 को मनाएगा।
क्षत्रीय लोणारी कुनबी समाज संगठन 19 को मनाएगा शिवाजी जयंती शहर में चलाया गया सहभागिता अभियान, 33 वार्डों में पर्चे बांटकर शिवाजी जयंती के लिए किया आमंत्रित।
Shivaji Jayanti Betul :- आगामी 19 फरवरी को जिला मुख्यालय पर शिवाजी जयंती कार्यक्रम पूरी भव्यता के साथ मनाया जाएगा। क्षत्रीय लोणारी कुनबी समाज संगठन द्वारा जयंती कार्यक्रम को लेकर वृहद स्तर पर तैयारी की जा रही है। मंगलवार को शहर के 33 वार्डों में संगठन के पदाधिकारियों द्वारा सहभागिता अभियान चलाया गया। जयंती में शामिल होने के लिए संगठन द्वारा पर्चे बांटकर सामाजिक बंधुओं को आमंत्रित किया गया। उल्लेखनीय है कि क्षत्रीय लोणारी कुनबी समाज संगठन प्रतिवर्ष जिला मुख्यालय पर शिवाजी जयंती कार्यक्रम आयोजित करते आ रहा है।
लेकिन इस वर्ष यह कार्यक्रम अपने आप में विशेष और भव्य रहेगा। जिला स्तरीय कार्यक्रम में पूरे जिले के सामाजिक बंधु उपस्थित रहेंगे। संगठन द्वारा इसके लिए अलग अलग टीम गठित कर सामाजिक बंधुओं आमंत्रित करने का काम किया जा रहा है। संगठन के जिला अध्यक्ष दिनेश मस्की, जिला सचिव प्रवीण ठाकरे ने शिवाजी जयंती कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होने का आग्रह किया है।
राजे का प्रारम्भिक जीवन
शिवाजी का जन्म 19 फरवरी, 1630 को शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। उनके पिता शहाजीराजे भोंसले एक शक्तिशाली सामंत राजा थे। उनकी माता जिजाबाई जाधवराव कुल में उत्पन्न असाधारण प्रतिभाशाली महिला थी। शिवाजी के बड़े भाई का नाम सम्भाजीराजे था जो अधिकतर समय अपने पिता शहाजीराजे भोसलें के साथ ही रहते थे। शहाजीराजे कि दूसरी पत्नी तुकाबाई मोहिते थीं। उनसे एक पुत्र हुआ जिसका नाम व्यंकोजीराजे था।
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शिवाजी महाराज के चरित्र पर माता-पिता का बहुत प्रभाव पड़ा। उनका बचपन उनकी माता के मार्गदर्शन में बीता। उन्होंने राजनीति एवं युद्ध की शिक्षा ली थी। वे उस युग के वातावरण और घटनाओं को भली प्रकार समझने लगे थे। उनके हृदय में स्वाधीनता की लौ प्रज्ज्वलित हो गयी थी। उन्होंने कुछ स्वामिभक्त साथियों का संगठन किया।
Shivaji Jayanti पर क्षत्रपति शिवजी राजे का छोटा सा जीवन परिचय
भारत के एक महान राजा एवं रणनीतिकार थे जिन्होंने 1674 ई. में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। इसके लिए उन्होंने मुगलसाम्राज्य के शासक औरंगज़ेब से संघर्ष किया। सन् 1674 में रायगढ़ में उनका राज्याभिषेक हुआ और वह “छत्रपति” बने। तत्वदर्शी संत मिला होता तो शिवाजीराजे मोक्ष का मार्ग चुनते।
छत्रपती शिवाजी महाराज ने अपनी अनुशासित सेना एवं सुसंगठित प्रशासनिक इकाइयों कि सहायता से एक योग्य एवं प्रगतिशील प्रशासन प्रदान किया। उन्होंने समर-विद्या में अनेक नवाचार किए तथा छापामार युद्ध (Guerilla Warfare) की नयी शैली (शिवसूत्र) विकसित की। उन्होंने प्राचीन हिन्दू राजनीतिक प्रथाओं तथा दरबारी शिष्टाचारों को पुनर्जीवित किया और मराठी एवं संस्कृत को राजकाज की भाषा बनाया। वे भारतीय स्वाधीनता संग्राम में नायक के रूप में स्मरण किए जाने लगे। बाल गंगाधर तिलक ने राष्ट्रीयता की भावना के विकास के लिए शिवाजीराजे जन्मोत्सव की शुरुआत की।
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मालोजीराजे भोसले (1552–1597) अहमदनगर सल्तनत के एक प्रभावशाली जनरल थे, पुणे चाकण और इंदापुर के देशमुख थे। मालोजीराजे के बेटे शहाजीराजे भी विजापुर सुल्तान के दरबार में बहुत प्रभावशाली राजनेता थे। शहाजी राजे अपने पत्नी जिजाबाई से शिवाजी का जन्म हुवा ।
अंकुरित आहार वितरण से होगी कार्यक्रम की शुरुआत
19 फरवरी शिवाजी जयंती के अवसर पर क्षत्रीय लोणारी कुनबी समाज संगठन द्वारा सुबह 8 बजे जिला अस्पताल में अंकुरित आहार का वितरण किया जाएगा। इसके बाद छत्रपति शिवाजी (Shivaji Jayanti)सांस्कृतिक भवन मानस नगर से सुबह 9:30 बजे शोभायात्रा निकाली जाएगी। सुबह 11:30 बजे छत्रपति शिवाजी चौक पर प्रतिमा पर माल्यार्पण किया जाएगा। सुबह 11:30 बजे से छत्रपति शिवाजी ऑडिटोरियम में मंचीय कार्यक्रम होगा। इसके बाद शाम 7:30 बजे छत्रपति शिवाजी ऑडिटोरियम में लावणी संगीत कार्यक्रम होगा।