SELFIE INTERVIEW 1:सेल्फी साक्षात्कार में आज डॉ. एचएल कसेरा
SELFIE INTERVIEW 1 WITH KARTIK IN BETUL :- नादान जिन्हें मनुष्य कहते हैं मैं उनमें ईश्वर देखता हूं। स्वामी विवेकानंद का यह ध्येय वाक्य मानव धर्म की मिसाल को बतलाता है। मानव धर्म के मूल मंत्र को अपने जीवन में उतारने वाले 80 के दशक में जब खून का कारोबार होता था तब रक्तदान को लेकर प्राप्त भ्रांतियों के खिलाफ सामंजस्य के साथ संघर्ष करते हुए सीमित तकनीकों के साथ पीडि़त के निदान को लेकर अथक परिश्रम करने वाले सामाजिक मुद्दों पर सटीक नजरिया रखने वाले डॉ. एचएल कसेरा के साथ हुए साक्षात्कार के संपादित अंश।
प्रश्न १ : आपकी चिकित्सा सेवा में आने की इच्छा कैसे हुई ?
जवाब १ :- वास्तव में जब मैने होश संभाला तो मुझे बचपन से ही सेवा करने का आयाम मिला और मानव सेवा हमेशा प्राथमिकता में रही। पीडि़त मानव की सेवा के लिए चिकित्सा से बेहतर कोई और क्षेत्र नहीं हो सकता।
प्रश्न २ : चिकित्सा क्षेत्र में आए तब क्या चुनौतियां थी ?
जवाब २ :- डॉ. एचएल कसेरा: ये तकरीबन 40 से 50 साल पहले की बात है। जब इस क्षेत्र में कदम रखा उस समय तकनीकी सुविधाएं कम थीं। उस दौर में जैसे बन पड़ता था वैसे प्रयास पीडि़त को बचाने के लिए करते थे। DIAGNOSIS के लिए आज मॉर्डन मेडिकल है उस समय कम संसाधनों में सेवा करना पड़ती थी।
प्रश्न ३ : तब के दौर में और अब के दौर में क्या फर्क है?
जवाब ३ :- डॉ. एचएल कसेरा: उस दौर में टेक्नोलॉजी सीमित थी। आज मॉर्डन है आज के दौर में छोटी से छोटी कोशिका का अध्ययन कर निदान किया जा रहा है। तब छोटी से छोटी बीमारी भी पता करने में परेशानी होती थी। उस समय हम शुगर की जांच के लिए यूरिन का सहारा भी लेते थे। आज तकनीक ने विकास किया है हर बीमारी के लिए पड़ताल और अध्ययन सरल हुआ है।
प्रश्न ४ : आजाद भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री कौन है?
जवाब ४ :- डॉ. एचएल कसेरा: जिस तरह से आज विश्व में हमारी पहचान बनी है तो मेरे लिहाज से आदर्श प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी हैं।
प्रश्न ५ : धर्म की राजनीति पर आपका क्या कहना है।
जवाब ५ :- धर्म को राजनीति से परे होना चाहिए। धर्म है मानव धर्म, लोकतांत्रिक देश में सेवा प्राथमिक होना चाहिए। चुनावी प्रचार में सेवा का मुद्दा होना चाहिए, धर्म की राजनीति नहीं होना चाहिए। धर्म और राजनीति अलग-अलग रखनी चाहिए।
प्रश्न ६ : समाज को क्या संदेश देना चाहोगे?
जवाब ६ :- डॉ. एचएल कसेरा: मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और उसको समाज में सामान्जस्य के साथ रहना चाहिए। एक दूसरे की मदद करना चाहिए। पीडि़त की सेवा सभी मनुष्य की प्राथमिकता में होनी चाहिए।
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