Gayatri Mantra: देखे क्या है गायत्री मंत्र और इसका महत्व

गायत्री मंत्र पहली बार ऋग्वेद में दिखाई दिया, लगभग 2500 से 3500 साल पहले संस्कृत में लिखा गया था। ऐसा कहा जाता है कि जैसे गंगा को भागीरथ में स्वर्ग से धरती पर लाया था। ।

Gayatri Mantra and its importance : प्राचीन समय से चलता आ रहा यह मंत्र वैदिक काल से भी अधिक पुराना है जिसे हम गायत्री मंत्र कहते हैं इसकी उत्पत्ति मान्यता है कि जब सृष्टि की रचना हो रही थी तब सर्वप्रथम ब्रह्मा जी के ऊपर एक मंत्र की उत्पत्ति हुई गायत्री मंत्र कहा जाता है l यह मंत्र वेदों की जननी ब्रह्मा जी की पत्नी मां गायत्री जी का मंत्र है, 24 अक्षरों से बना हुआ यह मंत्र 24 शक्तियों का समावेश हैl गायत्री मंत्र के चौबीस अक्षर 24 शक्ति बीज हैं।

गायत्री मंत्र पहली बार ऋग्वेद में दिखाई दिया, लगभग 2500 से 3500 साल पहले संस्कृत में लिखा गया था। ऐसा कहा जाता है कि जैसे गंगा को भागीरथ में स्वर्ग से धरती पर लाया था उसी प्रकार ऋषि विश्वामित्र ने कई वर्षों की ध्यान तक से मानव कल्याण के लिए यह मंत्र की लिखा जोकि ऋग्वेद में समाहित है ,इसलिए इसे कोई सांसारिक लेखक नहीं माना जाता है।
ऋग्वेद वेद में ऋग्वेद चारों वेदों में सबसे प्राचीन है। 

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ऋग्वेद संहिता के 61वें अध्याय में, किसी भी ग्रंथ में सबसे पहले गायत्री मंत्र का उल्लेख तीसरे सर्ग के 62वें अध्याय और 10वें श्लोक में मिलता है। यह महामंत्र वैदिक मंत्रों का बीज है, क्योंकि मंत्र योग में जब तक मां गायत्री का आवाहन नहीं किया जाता तब तक कोई भी मंत्र योग पूरा नहीं किया जा सकता l

गायत्री मंत्र और अर्थ | Gayatri Mantra and Meaning

ॐ भूर्भव: स्व:  तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्II
सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, परमात्मा का वह तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।

गायत्री मंत्र का महत्व | Importance of Gayatri mantra

गायत्री मंत्र हिंदू धर्म का सबसे शक्तिशाली और सबसे पुराना मंत्र है। दुनिया भर में लाखों लोग इसका प्रतिदिन पाठ करते हैं। इसका नियमित पाठ करने से मन शुद्ध हो सकता है और शांति और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त हो सकता है। हिंदुओं का मानना ​​है कि गायत्री मंत्र का पाठ बाधाओं और प्रतिकूल परिस्थितियों पर काबू पाने में मदद करके उनके जीवन को बदलने की शक्ति रखता है। मंत्रों का उपयोग आमतौर पर ध्यान के दौरान किया जाता है, लेकिन आप उनका उपयोग दैनिक जीवन में भी कर सकते हैं, खासकर जब आपको किसी चीज़ से निपटने के लिए कुछ अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है।

गायत्री मंत्र के 3 भाग | 3 Parts of Gayatri Mantra

  • सूर्य को नमस्कार
  • एक वरदान
  • सार्वभौमिक सत्य की अभिव्यक्ति

गायत्री मंत्र गायत्री मंत्र आध्यात्मिक विकास में सहायता करता है। यह भौतिक प्रगति हासिल करने में भी मदद कर सकता है। इसके लाभों में व्यक्तिगत परिवर्तन और सभी प्रयासों में सफलता शामिल है। मंत्र योग उन चीज़ों को प्रकट करने का एक तरीका है जो आप चाहते हैं। लेकिन यह तभी संभव है जब व्यक्ति के पास भक्ति हो। जब तक कोई ईश्वर के अस्तित्व में विश्वास नहीं करता, वह मंत्रों की चमत्कारी शक्ति का अनुभव नहीं कर सकता।

सनातन धर्म के स्तंभों में से एक

गायत्री मंत्र को “वेद मंत्र”, वेदों की जननी और “मंत्र ज्ञानम्” भी कहा जाता है। यह वेदों का हृदय है। यह बहुत पूजनीय है और हिंदू ग्रंथों के सभी छंदों में इसका सबसे अधिक अध्ययन भी किया जाता है। यह एक अत्यंत प्रभावशाली वैदिक मंत्र है।
मंत्र की संरचना चतुष्पदी है। चतुस का अर्थ है ‘चार’, पाडी का अर्थ है ‘अंग’। यह 4 वेदों और मंत्र के 4 विरामों के अनुरूप है।

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गायत्री मंत्र के फ़ायदे

विद्यार्थियों के लिए वरदान

गायत्री मंत्र का नियम से जप करने से पढ़ाई में मन लगता है ,बुद्धि का विकास होता है, क्योंकि मां गायत्री विद्या का स्वरूप है l
एक विद्यार्थी गायत्री मंत्र का नियामित रूप से जप करने के लिए उसका मैं IQ लेवल बढ़ता है l अगर किसी बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता है तो उसे गायत्री मंत्र का नियमित रूप से जाप करना चाहिए जिससे उसका मन पढ़ाई में लगेगा मां गायत्री की कृपा उस पर बनी रहे थे क्योंकि मां गायत्री विद्या की देवी वेदों के ज्ञाता है इसीलिए मां गायत्री का जाप करने से विद्यार्थियों को विशेष लाभ प्राप्त होता हैl

नकारात्मक ऊर्जा को करता है नष्ट

गायत्री मंत्र के जप से नकारात्मकता होती है और खत्म होती है सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है l गायत्री मंत्र व्यक्ती के अंदर सकारात्मक्ता को बढ़ता है जिससे व्यक्ति विकट परिस्थितियो को भी आसानी से पार कर लेता है l

अनिद्रा के लिए होता है लाभदायक

अगर आपको कोई नींद नहीं आती तो ये मंत्र कर सकता है आपकी मदद ,सोते समय गायत्री मंत्र का उच्चारण करने से निंद अच्छी आती है l अगर आपकी नींद रात को खुल जाए या नींद ना आए तो गायत्री मंत्र बोले इसे आपकी नींद अच्छी आएगी या आपका भय दूर होगा l

रोगो को करता है दुर

माना जाता है कि अगर कोई व्यक्ति गायत्री मंत्र का जाप करें तो इससे बीमारी व्यक्ति के पास नहीं आती सकारात्मक सोच बनी रहती है और रख रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है गायत्री मंत्र एक अचूक उपाय है रोगों को दूर भगाने का l मन के दुख, द्वेष, पाप, भय, शोक जैसे नकारात्मक चीजों का अंत हो जाता है। इस मंत्र के जाप से मनुष्य मानसिक तौर पर जागृत हो जाता है। साथ ही कहा जाता है कि इस मंत्र में इतनी ऊर्जा है कि नियमित रूप से तीन बार इसका जाप करने से सारी नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाती हैं। रोजाना तीन बार गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।

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