Sarni Amla News : सारनी शहर हो गया खंडहर आखिरकार कैसे खिलेगा कमल
Sarni Amla News : लोकतंत्र के पर्व में विधानसभा चुनाव में आमला विधानसभा क्षेत्र में सारनी नगर पालिका परिषद एक ऐसा क्षेत्र है जहां वर्तमान में दो राज्य व केंद्र सरकार के शासकीय उपक्रम है जहां सारनी में दो 250/250 मेगावाट की 10 और 11 नंबर यूनिट से विधुत उत्पादन और पाथाखेड़ा क्षेत्र में वर्तमान में 4 भूमिगत खदानों से कोयला उत्पादन होता हैं एक समय पूरे प्रदेश को उजाला और रोजगार देना वाला शहर अब रोजगार के अभाव में पलायन करने पर विवश हैं।
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20 वर्षो में भी नही हुआ विकास । Sarni Amla News
लगातार 20 वर्षो से बीजेपी की राज्य में सरकार रहने और विगत 15 वर्षो से बीजेपी के आमला विधानसभा क्षेत्र में विधायक रहने के बावजूद इस दोनों उपक्रम वाले कार्यक्षेत्र में आज अपराध,बेरोजगारी,अवेध शराब का बढ़ता कारोबार,तेजी से बढ़ता पलायन,खंडहर आवास एवम् उजड़ती झुग्गियां होने के कारण वानरों का भी आतंक बढ़ गया हैं जिससे शहर वासी अत्यधिक परेशान हैं यहां हजारों मतदाता शहर छोड़ चुके हैं पर आज भी कई वर्षो पूर्व जो मतदाता रोजगार के अभाव में या सेवानिवृत हो चुके हैं ऐसे कई मतदाताओं के नाम आज भी मतदाता सूचियों में दर्ज हैं आखिरकार क्यों ? ये एक बड़ा गंभीर विषय हैं क्षेत्र के वर्तमान मतदाताओं के विकास का रोड़ा राजनीतिक दलों द्वारा अपने निजी हित के लिए इन मतदाताओं के नाम विलोपन नही कराए गए हैं ।
यहां तक की बीएलओ द्वारा निर्वाचन सूची से हजारों मतदाताओं के नाम हटाए जाने के लिए विगत कई वर्षों से नाम वार्डो के जमीनी सर्वे कर दिए जाते रहें हैं लेकिन निर्वाचन आयोग के स्थानीय अधिकारी रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा उतनी सांख्य में उनके लिए बार कोड ही जारी नही किए जाते हैं ये कुछ राजनीतिक दलों को फायदा पहुंचाने वाला कार्य नजर आया है। मतदाताओं से पूछने पर पता चलता है की मतदाता स्थानीय जन नेताओं से काफ़ी नाराज हैं जिन्हें सरकार द्वारा लाडली बहना योजना और सिलेंडर में कुछ कीमत करने जैसा प्रलोभन देकर मतदाताओं को अपने पक्ष में उन्हें उन क्षेत्रों से चुनाव के दौरान मतदान कराने के लिए अपना हित मात्र साधने का कार्य के लिए किया जाता रहा हैं और किया जा रहा हैं।
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नही किया जा रहा है मतदाता विलोपन का सर्वे
अगर जमीनी मतदाता विलोपन सर्वे किया जाए तो आज भी हजारों मतदाताओं के नामों निशान नजर नहीं आयेगा जमीन पर लेकिन उनका नाम जरूर मतदाता सूची में शामिल नजर आएगा। लेकिन स्थानीय मौजूद मतदाता आज रोजगार के अभाव में जनता इनके विगत कई वर्षो से चल रहे जुमलों और कोरी घोषणाओं से त्रस्त हैं जहां पूर्व में 10 कोयला खदान थी आज मात्र 4 कोयला खदान शेष बची है जहां पूर्व में 11 यूनिट से विधुत उत्पादन होता था।
आज यहां मात्र 2 यूनिट शेष बची है शहर की वर्तमान रोजगार की स्तिथि किसी केंसर नामक रोग से कम नहीं हैं दोनों ही शासकीय उपक्रम वाले क्षेत्र में एक शासकीय गर्ल्स बॉय स्कूल मूलभूत सुविधाओं से लबरेज़ क्षेत्र में नजर नहीं आयेगा ये हां लेकिन गली गली में शराब दुकान जरूर नजर आ जायेगी इतने विकास में आखिरकार केसे खिलेगा डॉ योगेश पंडाग्रे का कमल बेहद निराशा जनक जटिल परिस्थिति खड़ी है आमला विधानसभा क्षेत्र के सारनी नगर पालिका परिषद जो मध्यप्रदेश में दूसरे नंबर की सबसे बड़ी नगर पालिका कहलाती थी आज वो अपना अस्तित्व खोती नजर आ रही हैं।
आज सारनी में शासकीय खंडहर आवास वाले शहर,पाथाखेड़ा क्षेत्र की उजड़ती झुग्गियों,बढ़ते पलायन,बढ़ते अपराध,बढ़ती बेरोजगारी ही एक मात्र शहर में विकास के नाम पर नजर आ रहा हैं।
बैतूल से मोहन प्रजापति ,,बेबाक कलम,, की खास रिपोर्ट
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