Putrada Ekadashi : देखें श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी का महत्व

Putrada Ekadashi 2023 : इस वर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी 27 अगस्त 2023 दिन रविवार को है श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहते हैं इस व्रत का बहुत महत्व है l कहते हैं एकादशी व्रत करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और पुण्य फल की प्राप्ति होती है इसलिए मनुष्य को अपने जीवन में एक बार एकादशी के व्रत जरूर करना चाहिए l पूरे साल में 24 एकादशी होती है परंतु जिस वर्ष अधिक मास आता है उसे वर्ष 26 एकादशी होती है इस प्रकार इस वर्ष अधिक मास होने के कारण इस वर्ष 26 एकादशी है l आईए जानते हैं इस वर्ष सावन मास में आने वाली शुक्ल पक्ष पुत्रदा एकादशी के बारे में l

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पुत्रदा एकादशी का महत्व | Importance of Putrada Ekadashi

पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से पुण्य फल की प्राप्ति और जो हमने पाप किए होते हैं उन पापों को नष्ट करने के लिए इस व्रत को किया जाता है l पुत्रदा एकादशी अगर कोई स्त्री पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए इस व्रत को करती है अथवा कोई स्त्री को छे नहीं हो रहे और वह संतान प्राप्ति के लिए इस व्रत को करें तो उसकी मनोकामना पूरी होती है l माना जाता है कि इस व्रत को करने से पुत्र रत्न की प्राप्ति होती हैl क्योंकि इस बार एकादशी रविवार के दिन पड़ रही है और विष्णु जी का दिन है जिसमें तुलसी जी का ना होना विष्णु जी के पूजा को पूर्ण नहीं करता और रविवार के दिन तुलसी दल को नहीं तोड़ा जाता इसीलिए तुलसी जी को पहले से ही तोड़ कर रख ले l

Putrada Ekadashi व्रत के नियम

  • जिस दिन एकादशी का व्रत किया जाता है उसे दिन से एक दिन पहले दसवीं तिथि पड़ती है जिसमें व्रत करने वाले को दशमी तिथि से ही विष्णु की पूजा अर्चना कर ध्यान करना चाहिए l साथ ही ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए l
  • एकादशी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर स्वच्छ कपड़े धारण करें l
  • अपने सारे ग्रह कार्य से निवृत होकर भगवान की पूजा अर्चना करें तथा भगवान के सामने अपनी मनोकामना रखें कि आज मैं यह व्रत इस कामना के लेकर रही हूं और मेरी यह कामना पूरी करें ऐसा कर दिन भर भगवान का ध्यान करें l
  • विष्णु जी का अभिषेक करें पूजा आरती करें और साथ ही व्रत कथा सुने l
  • भगवान को गुड़ का दूध दही मिठाई आदि का भोग लगाएं इस दिन तुलसी दल चढ़ाना चाहिए बिना तुलसी के भगवान के पूजा अधूरी है इसलिए तुलसी जी का दल भगवान विष्णु को जरूर अर्पित करे l
  • इस दिन गुड का सेवन करना चाहिए दोनों टाइम का उपवास करना चाहिए अथवा दूसरे दिन इतना ना दे करके भगवान की पूजा आरती कर व्रत को खोल सकते हैं जिसमें आपको सात्विक भोजन ग्रहण करना हैl

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एकादशी के दिन क्या ना करें:-

  • दशमी तिथि तथा एकादशी के दिन चावल नहीं बनना चाहिए ना ही खाना चाहिए किसी को भी अन्य का दान नहीं करना चाहिए l
  • इस दिन आप वस्त्र का अथवा फल आदि का दान कर सकते हैं नशीली जी पदार्थ का सेवन न करें ना ही घर में किसी को करने दे इस दिन मांस मदिरा इत्यादि घर में न लायै नहीं सेवन करेंl
  • इस दिन तामसिक प्रवृत्ति वाला खाना ना बनाएंl
  • इस दिन किसी की बुराई ना करें किसी से झगड़ा ना करें जितना हो सके उतना भगवान का कीर्तन करें
  • साथ ही साथ ब्रह्मचर्य का पालन करें बुरा ना बोले बुरा ना सुने l

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