Pandit Pradeep Mishra Katha: शिव मंदिर पास न हो तो इन पेड़ों में चढ़ाएं जल

पंडित प्रदीप मिश्रा ने सारी समस्याओं के हल के लिए एक लोटा जल चढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कथा सुनाने व सुनने वाला भी शंकर स्वरूप ही होता है। उसके साथ शंकर सदा ही कदम मिलाकर चलेंगे।

Pandit Pradeep Mishra Katha: श्री नागेश्वर महादेव महिला मंडल के तत्वावधान में आयोजित श्री हरिहर शिव महापुराण कथा का सोमवार को समापन हुआ। अंतिम दिन अंतरराष्ट्रीय कथा प्रवक्ता पंडित प्रदीप मिश्रा ने सारी समस्याओं के हल के लिए एक लोटा जल चढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कथा सुनाने व सुनने वाला भी शंकर स्वरूप ही होता है। उसके साथ शंकर सदा ही कदम मिलाकर चलेंगे। एक लोटा जल जरूर चढ़ाएं। पांच साल का हो या बड़ा, मंदिर पास हो तो मंदिर पर और यदि दूर हो तो बड़, पीपल या आंवला पर, शंकर के नाम से एक लोटा जल चढ़ा देना।

Pandit Pradeep Mishra: पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा, जल चढ़ाना कभी मत छोड़ना

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पंडित प्रदीप मिश्रा (Mishra Katha) ने कहा कि पढ़ाई आपको कलेक्टर, इंजीनियर, डाक्टर, अफसर बना सकती है, लेकिन ध्यान रहे कि ये पढ़ाई तुम्हें केवल एक पदवी पर लाकर छोड़ देगी, लेकिन डाक्टर बनने के बाद भी ललाट पर जो लिखा है, उसे दूसरा कोई नहीं काट सकता। इसलिए लेकिन एक लोटा जल चढ़ाना कभी मत छोड़ना। कथा के अंतिम पंडित प्रदीप मिश्रा ने श्रद्धालुओं को देव दिवाली की शुभकामानएं दी। कथा के दौरान मुख्य रूप से खरगोन सांसद गजेंद्र सिंह पटेल, खंडवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, बड़वाह विधायक सचिन बिरला, विधायक झुमा सोलंकी सहित यजमान उपस्थित थे।

कोई चाय पिला रहा तो कोई बांट रहा फल

कथा के दौरान श्रद्धालुओं की भक्ति के कई दृश्य देखने को मिले। रात में कई आकर केले बांट रहा है, कोई पंडाल में भजन करने वालों को चाय पिला रहा था। कोई पानी पिला रहा है तो कोई खाना बांटने कर लिए लाता है। तुम्हारे हाथ से किया हुआ दान व पुण्य कभी खाली नहीं जाएगा। पं. मिश्रा ने कहा कि जल शिवजी पर चढ़ता है वो उतरकर पार्वती के हस्तकमल पर आ जाता है। एक महादेव ही हैं, जिनको जल चढ़ाने से सभी भगवानों को जल चढ़ जाता है। यदि आप शिव भक्ति में ही लगे हो तो ये समझ लेना कि शंकर भगवान से कोई न कोई रिश्ता जरूर होगा। सौभाग्यवती नारी जब भी जो नारी भोलेनाथ पर एक लौटा जल अर्पित करती है वो शिवतत्व को प्राप्त करती है।

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