Nagpanchami Roti : देखें क्यों नागपंचमी पर रोटी नहीं बनाई जाती है?

Why roti not made on Nagpanchami : भारत एक ऐसा देश है जहाँ प्रत्येक त्योहार का अपना एक महत्त्व और स्थान बताया गया है। हिन्दू शास्त्रों में आपको हर चीजो के छिपे कारण भी मिल जाती है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर माह कोई न कोई त्योहार रहता है ऐसे में अभी 21 अगस्त दिन सोमवार को नागपंचमी का पवित्र दिन आने वाला है। पुरानी मान्यता के अनुसार इस त्योहार के दिन घर की रसोई में रोटी नहीं बनाई जाती है अर्थात इस दिन चूल्हे या गैस पर तवे का प्रयोग वर्जित माना गया है।

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नागपंचमी पर रोटी क्यों है वर्जित | Nagpanchami Roti

हिन्दू शास्त्रों में इस दिन तवे पर रोटी नहीं बनाने के अलग अलग कारन भी बताये गए है। कहा जाता है की रोटी बनाने के तवे को माना जाता है राहु का प्रतिक और घर की रसोई में जिस लोहे के तवे का प्रयोग रोटी बनाने के लिए किया जाता है उसे शास्त्रों में नाग देवता का फन माना गया है। और नागपंचमी का दिन नागो को समर्पित है इसलिए घर में नागपंचमी के दिन तवे चूल्हे या गैस पर नहीं रखना चाहिए।

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कहते है ब्रह्मा जी ने नागों को नाग पंचमी के दिन पूजे जाने का वरदान दिया था इस दिन नाग की पूजा की जाती है। नागो की इस पचमी के दिन पूजा करने से राहु-केतु जनित दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। शास्त्रों के अनुसार नागपंचमी के दिन और भी कुछ काम वर्जित हैं जैसे- किसी भी काम के लिए जमीन की खुदाई न करें। इस दिन सिलाई, कढ़ाई नहीं करनी चहिए, क्योंकि नाग पंचमी पर नुकीली और धारदार चीजों जैसे चाकू, सूई का इस्तेमाल अशुभ माना जाता है।

इन त्योहारो पर नहीं बनानी चाहिए रोटी

वैसे तो हम सभी के घर त्योहारो पर पूड़ी या कोई विशेष ही पकवान बनाये जाते है लेकिन कुछ लोगो को रोटी ही चाहिए रहती है। परन्तु कुछ ऐसे त्योहार है जिस पर तवे का प्रयोग करने देवता नाराज हो जाते है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी के त्योहारों दिवाली आदि में विशेष पकवान बनाने की परंपरा है। यही वजह है कि आज भी अधिकांश घरों में इन त्योहारों पर रोटी की जगह पूड़ी बनाई जाती है।

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मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन धन की देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। इसलिए शरद पूर्णिमा के दिन भी घर में सुखी रोटी रसोई में नहीं बनानी चाहिए। इस दिन खीर-पूरी बनाने का नियम भी है। इसी प्रकार शीतला अष्टमी पर शीतला मैया की पूजा होती है। इसमें माता को बासे भोजन से भोग लगाए जाता है। इस दिन घर में ताजी रोटियां बनाना वर्जित माना गया है।

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