Nagar Parishad Sailaana : कबाड़ बना नगर परिषद् की गले की हड्डी न निगलने का न उगलने का
कबाड़ हुई सामग्री की सूची परिषद ने मांगी तो कबाड़ बेचना हुआ मुश्किल
Nagar Parishad Sailaana MP : नगर परिषद् सैलाना इन दिनों कबाड़ की चिंता में चिंतित नजर आ रही है क्यों की वर्षो पुराना कबाड़ बेचने के लिए विभागीय अमले ने जब एक एक कर कबाड़ एकत्रित किया और बेचने की बारी आई तो नगर परिषद् के जन प्रतिनिधियों ने कबाड़ हुई सामग्री की सूची मांगली उसके बाद कबाड़ बेचने की सलाह विभागीय अधिकारियों को दे डाली ऐसे में कबाड़ नगर परिषद् की गले की हड्डी बन गया न निगलने का न उगलने की बन पा रही है।
मुख्य द्वार पर पड़ा कबाड़ चिड़ा रहा अधिकारियों को मुंह
नगर परिषद के मुख्य द्वार पर कबाड़ का ढेर आते जाते नगर परिषद् के अधिकारियों को मुंह चिड़ा रहा है परिषद् ने खरीदी बिलों के मिलान के लिए कबाड़ की सूची बनाने के बाद कबाड़ बेचने को लेकर अधिकारियों को आगाह की ऐसे में आते जाते परिषद के जिमेदारों को कबाड़ को नजर अंदाज कर सुबह शाम कबाड़ के सामने से गुजरने को मजबूर होते दिखाई दे रहे हैं।
Read More : CM Mohan Yadav मंत्रिमंडल में मिलेगा नई ऊर्जा और अनुभव का संगम
कबाड़ में क्या क्या है सामिल | Nagar Parishad Sailaana MP
कबाड़ में प्रमुखरूप से पानी टैंकर, कचरा ट्राली, कचरा हाथ गाड़ी, चलित शौचालय, पानी सप्लाई की मोटर्स,प्रमुख कबाड़ हे जिसके लिए सूची बनाने के परिषद ने दिए निर्देश दिया है तो कबाड़ बेचना हुआ मुश्किल।
क्या कहते हे जिमेदार
अध्यक्ष चैतन्य लक्की शुक्ला ने बताया कि कबाड़ सामग्री शासकीय संपत्ति है जिसे खरीदी बिक्री के बिलों के मिलान के बगैर बेच पाना संभव नहीं है नगर परिषद को कबाड़ हुई सामग्री की सूची बनाने के लिए कहा गया है तथा परिषदों के कबाड़ को सरलता पूर्वक बेचा जा सके इस हेतु उच्च अधिकारियों को भी लिखित में पत्र भेजा गया है ताकि कबाड़ विक्रय का सरलीकरण हो सके।
नगर परिषद के प्रतिपक्ष भाजपा पार्षद मुकेश पटेल ने कहां की जो सामग्री कबाड़ में तब्दील हो गई है उसे बेचने में किसी प्रकार का कोई संशय नहीं है परंतु परिषद द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि खरीदी बिक्री के मिलन हेतु कबाड़ हुई वस्तु की सूची बनाने का निर्देश नगर परिषद के मुख्य नगर पालिका अधिकारी को परिषद द्वारा दिया गया पिछले 1 वर्ष से सूची विभाग द्वारा नहीं बनाई जा सकती है इसीलिए कबाड़ बेचा नही जा सका लगता है जिम्मेदार इसलिए भी सूची बनाने में जो मेटल कर रहे हैं क्योंकि खरीदी का पुख्ता प्रमाण विभाग के पास उपलब्ध नहीं है शायद।
विभागीय अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की बात पर कहा की खरीदी बिलो के दस्तावेज टटोले जा रहे हैं यहीं कारण है की सूची बनने में लेट लतीफी हो रही है जल्द इस सूचित को बना कर परिषद् के सामने प्रस्तुत कर दी जावेगी।
दिलीप सिंह गौड़
Note: इसी प्रकार की जानकारी और समाचार पाना चाहते हैं तो,हमारे व्हाट्सप्प ग्रुप से जुड़े व्हाट्सप्प ग्रुप से जुड़ने के लिए “कृपया यहां क्लिक” करे।