MISHAN KARMYOGI: जानिए किस अवधारणा पर बनी मध्यप्रदेश क्षमता निर्माण नीति-2023

MISHAN KARMYOGI NITI IN MP :- मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के शासकीय सेवकों की क्षमता निर्माण के लिये “मध्यप्रदेश क्षमता निर्माण नीति-2023” को आज मंजूरी प्रदान की गई। यह नीति राज्य की वर्तमान प्रशिक्षण नीति-2001 का स्थान लेगी। मध्यप्रदेश भारत के उन चुनिंदा राज्यों में से एक है, जहाँ मिशन कर्मयोगी की अवधारणा के अनुरूप प्रदेश की क्षमता निर्माण नीति को तैयार कर उसे लागू करने का निर्णय लिया गया है।

MISHAN KARMYOGI MP
MISHAN KARMYOGI NITI

इस नीति में प्रदेश के समस्त शासकीय सेवकों, जिनमें संविदा कर्मी भी शामिल हैं, के सम्पूर्ण क्षमता निर्माण के लिये प्रशिक्षण और अन्य गतिविधियाँ की जायेंगी, जिससे शासकीय सेवक गुणवत्तापूर्ण नागरिक सेवा प्रदान करने के लिये संवेदनशील, कर्त्तव्यनिष्ठ, तत्पर, ईमानदार, संनिष्ठ हों तथा Modern Technology Skills से युक्त होकर कार्य कर सकें।

हर विभाग में यूनिट बनाई जाएँगी | NEW UNIT FOR MISHAN KARMYOGI

नीति के अनुसार प्रत्येक विभाग में क्षमता निर्माण इकाई का गठन किया जाना है, जो प्रत्येक पद के उत्तरदायित्व, कार्य और इसके लिये आवश्यक क्षमताओं का निर्धारण कर उसके अनुसार प्रशिक्षण की व्यवस्था करेगी। इसमें बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण की आवश्यकता को देखते हुए 70 प्रतिशत प्रशिक्षण ऑनलाइन, 20 प्रशिक्षण कार्य-स्थल पर और 10 प्रतिशत प्रशिक्षण किसी प्रशिक्षण संस्थान में किया जायेगा। प्रशिक्षण के बाद शासकीय सेवक की कार्य-क्षमता में हुए परिवर्तन का आकलन भी किया जायेगा।

परिषद गठित की जाएँगी | MISHAN KARMYOGI

नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिये सर्वोच्च स्तर पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य प्रशिक्षण परिषद गठित होगी, जिसमें मंत्रीगण और वरिष्ठ अधिकारी होंगे। परिषद के सदस्य सचिव महानिदेशक प्रशासन अकादमी होंगे। इसके अलावा एक कार्यपालक समिति मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित होगी, जिसमें प्रमुख विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव सदस्य तथा संचालक प्रशासन अकादमी सदस्य सचिव होंगे।

अलग से BUDGET बनाया जाएगा

नवीन नीति में राज्य के बजट में “मिशन कर्मयोगी” नाम से एक नवीन मद बनाया जायेगा, जिसमें प्रत्येक शासकीय विभाग को उसके वेतन मद की एक प्रतिशत राशि प्रतिवर्ष उपलब्ध कराई जायेगी। मिशन कर्मयोगी को लागू करने के लिये आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी को नोडल एजेन्सी बनाया गया है। इसके लिए प्रशासन अकादमी को राज्य के बजट से प्रतिवर्ष 10 करोड़ रूपये प्रदान किये जायेंगे।

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