Medical Education In Hindi : हिंदी में होंगी मेडिकल की पढ़ाई, सॉफ्टवेयर से पुस्तकों के लिप्यंतरण

Technical words of the course will be marked with the software and their dictionary will be prepared.

Medical Education In Hindi : चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने सोमवार को गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में हिंदी चिकित्सा प्रकोष्ठ ‘मंदार’ में एमबीबीएस द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ वर्ष की पुस्तकों के लिप्यंतरण कार्य की समीक्षा की। बैठक में कार्य प्रकिया की जानकारी देते हुए बताया गया कि ट्रांसलिट्रेशन के कार्य को गति प्रदान करने के लिये एआई की भी सहायता ली जायेगी। सॉफ्टवेयर से पाठ्यक्रम के तकनीकी शब्दों को चिंहित कर उनका शब्दकोष तैयार किया जायेगा।

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सॉफ्टवेयर के लिये ऑपरेटरों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। इस पर मंत्री श्री सारंग ने सॉफ्टवेयर से तैयार किये गये शब्दकोष का सत्यापन करने के निर्देश दिये, जिससे गलती की संभावना न रहे। उन्होंने ट्रासलिट्रेशन, सत्यापन, प्रूफ रीडिंग सहित सभी प्रक्रिया टाइमलाइन तैयार कर 15 सितंबर तक पूरी करने के भी निर्देश दिये।

ट्रांसलिट्रेशन टीम से वर्चुअल संवाद | Medical Education In Hindi

मंत्री श्री सारंग ने प्रक्रिया को सरल रखने के लिए निर्देशित किया। इससे किसी भी प्रकार की असमंजस की स्थिति न बनें। मंत्री श्री सारंग ने हिंदी चिकित्सा प्रकोष्ठ मंदार की प्रशंसा करते हुए कहा कि हमने शून्य से शुरूआत की। पूरे देश में हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई की सराहना की जा रही है। यह पूरी टीम के अथक परिश्रम का ही परिणाम है। इस दौरान मंत्री श्री सारंग ने चिकित्सा पाठ्यक्रम के ट्रांसलिट्रेशन में जुटे शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के चिकित्सा शिक्षकों एवं समन्वयकों के साथ वर्चुअल संवाद के लिये निर्देशित किया।

मॉनिटरिंग के लिये आईटी सेल की स्थापना | Medical Education In Hindi

बैठक में बताया गया कि यह पहली बार है जब सॉफ्टवेयर की सहायता से ट्रांसलिट्रेशन एवं कार्य की प्रगति का डेशबोर्ड भी बनाया जायेगा। इस पर मंत्री श्री सारंग ने हिंदी चिकित्सा प्रकोष्ट मंदार के लिये आईटी सेल की स्थापना के निर्देश दिये, जिससे पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग की जा सके। उन्होंने संपूर्ण प्रक्रिया को जटिल न करते हुए सरल बनाने के भी निर्देश दिये।

प्राइवेट चिकित्सा महाविद्यालयों की भी ली जायेगी मदद

मंत्री श्री सारंग ने तय समय-सीमा में कार्य पूरा करने के लिये टीम का विस्तार करने के साथ ही प्राइवेट चिकित्सा महाविद्यालयों की सहायता लेने का सुझाव दिया। बैठक में संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. अरूण कुमार श्रीवास्तव, गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. अरविंद राय, हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आशीष गोहिया एवं हिंदी चिकित्सा प्रकोष्ठ के सदस्य उपस्थित रहे।

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