LIFE LESSION: श्रीकृष्ण जी के जीवन की कुछ अनमोल बाते जो आपके लिए है जरुरी देखे

LIFE LESSON BY LORD KRISHNA: We all know Lord Shri Krishna and also know that he faced many problems in his own life.

LIFE LESSION BY LORD KRISHNA : भगवान श्री कृष्ण जी को हम सभी जानते है और यह भी जानते है की उन्होंने अपने खुद के जीवन में बहुत सी परेशानियो का सामना किया और विभिन्न संघर्षो के साथ जीवन को सरल बनाया था। उनके जीवन से जुड़े ऐसे कुछ बाते जो हम लोगो के लिए प्रेरणादायक होती है और हमारे मनुष्य जीवन में बदलाव लाती है। श्रीकृष्ण मात्र कथाओं में पढ़े या सुने जाने वाले पात्र नहीं, वह चरित्र और व्यवहार में उतारे जाने वाले भगवन हैं।

कृष्ण जी ने भगवत गीता का निर्माण किया जिसमे ऐसे ऐसे उपदेश दिए जिससे अपना कर हम अपने जीवन को सफल बना सकते है। गीता का जन्म हुआ युद्ध के मैदान में, दो सेनाओं के बीच। जीवन की श्रेष्ठतम बातें भारी तनाव और दबाव में ही बाहर निकलती हैं। अगर आप दिमाग़ को शांत और मन को स्थिर रखने की कोशिश करें, तो सबसे बुरी परिस्थितियों में भी अपने लिए कुछ बहुत बेहतरीन निकाल पाएंगे।

LIFE LESSION BY LORD KRISHNA {श्रीकृष्ण जी की अनमोल बाते}

जिंदगी में सिर्फ मुर्दों को आराम है, ज़िंदगी संघर्ष का दूसरा नाम है

अगर आपको जीवन की स्थितियों पर रोना आए, तो एक बार श्रीकृष्ण की जीवनी पर नज़र ज़रूर डाल लें। रोना बंद कर देंगे आप। श्रीकृष्ण ने एक जेल में जन्म लिया था और जन्म लेने के तुरंत बाद ही उन्हें रात में ही उफनती यमुना पार कर गोकुल ले जाया गया। तीसरे दिन ही राक्षसनी पूतना उन्हें मारने आ पहुंची और यहां से जो संघर्ष का सिलसिला शुरू हुआ, वह देह त्यागने तक बना रहा है।

शिक्षा वही जो अज्ञान घटाए, कौशल बढ़ाए

श्रीकृष्ण ने अपनी शिक्षा मध्य प्रदेश के उज्जैन में सांदीपनि ऋषि के आश्रम में रहकर पूरी की थी। कहा जाता है कि 64 दिन में उन्होंने 64 कलाओं का ज्ञान हासिल कर लिया था। वैदिक ज्ञान के अलावा उन्होंने कलाएं सीखीं। शिक्षा ऐसी ही होनी चाहिए, जो हमारे व्यक्तित्व का रचनात्मक विकास करे। संगीत, नृत्य, युद्ध सहित 64 कलाएं कृष्ण के व्यक्तित्व का हिस्सा बनीं। अगर आप विद्यार्थी हैं, तो ख़ुद को सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित ना रखें। अपने कौशल पर ध्यान दें।

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प्रेम बचा रहेगा शेष, रिश्तों में करें निवेश

कृष्ण ने जीवनभर कभी उन लोगों का साथ नहीं छोड़ा, जिनको मन से अपना माना। अर्जुन हों, सुदामा या फिर उद्धव- श्रीकृष्ण ने जिसे अपना मान लिया, उसका साथ जीवनभर दिया। रिश्तों के लिए उन्होंने कई लड़ाइयां लड़ीं और रिश्तों से ही कई लड़ाइयां जीतीं। उनके जीवन का सीधा संदेश है, सांसारिक इंसान की सबसे बड़ी धरोहर रिश्ते ही हैं। अगर किसी के पास रिश्तों की थाती नहीं, तो वह इंसान संसार में अच्छा जीवन नहीं जी सकता।

शांति की चाह बनेगी उन्नति की राह

श्रीकृष्ण ने महाभारत का युद्ध होने से पहले शांति के लिए पांडवों और कौरवों के बीच मध्यस्थता की। हालांकि दोनों ही पक्ष युद्ध लड़ने के लिए आतुर थे, लेकिन श्रीकृष्ण ने हमेशा चाहा कि कैसे भी युद्ध टल जाए। सबक यही है कि झगड़ों से कभी समस्याओं का समाधान नहीं होता। शांति के मार्ग पर चलकर ही हम समाज का रचनात्मक विकास कर सकते हैं। श्रीकृष्ण ने समाज के लिए और मन के लिए शांति को ही सर्वोपरि कहा।

Note: इस LIFE LESSION आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इसी प्रकार की जानकारी और समाचार पाना चाहते हैं तो,हमारे व्हाट्सप्प ग्रुप से जुड़े व्हाट्सप्प ग्रुप से जुड़ने के लिए “कृपया यहां क्लिक” करे।

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