Indian OS:भारत में आगया स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम “BharOS” है,और है ज्यादा सुरक्षित।
Indian OS :- यह ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर्स को उन एप पर अधिक कंट्रोल देता है, जो उनके डिवाइस में हैं। साथ ही यूजर्स उन एप को भी सिलेक्ट कर सकते हैं जिनको वह अपने डिवाइस में कुछ सुविधाओं या डाटा पर पहुंच के लिए एक्सेस देना चाहते हैं। आसान शब्दों में कहें तो इस ऑपरेटिंग सिस्टम में यूजर्स का कंट्रोल ज्यादा होता है।
Indian OS Launch :- भारत टेक्नोलॉजी के मामले में दुनिया में सबसे आगे है विकसित देश भी हमारे देश की टेक् कंपनी के साथ समझौते करके रखती हैं। जो की हमारे देश की कंपनी पर बहुत अधिक विश्वास करती हैं। लेकिन आज भी हम दूसरे देश में विकसित ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तमाल करते आरहे हैं। लेकिन अब हमारे स्वदेसी ऑपरेटिंग सिस्टम लांच क्र दिया हैं।
एंड्रॉइड और आईओएस ऑपरेटिंग सिस्टम काफी लंबे समय से मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम (indian os) सेगमेंट पर हावी रहे हैं। एपल के अलावा बाकी लगभग सभी स्मार्टफोन में एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में कई नए स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम(indian os) सामने आए हैं जो एंड्रॉइड को चुनौती देने की क्षमता रखते हैं।
करोडो यूजर को होंगा फायदा
ऐसा ही एक स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम BharOS है, जिसके बारे में भारत के 100 करोड़ मोबाइल फोन यूजर्स को लाभ पहुंचाने का दावा किया जा रहा है। BharOS क्या है और इसे मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम Android के लिए भारत का प्रतिद्वंद्वी क्यों कहा जा रहा है।
क्या है BharOS ?
BharOS जिसे ‘भरोस’ भी कहा जाता है, एक स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम(indian os) है। इस मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT Madras) के इनक्यूबेटेड फर्म द्वारा विकसित किया गया है। इस सॉफ्टवेयर को कमर्शियल ऑफ-द-शेल्फ हैंडसेट पर इंस्टॉल किया जा सकता है।
कैसे है एंड्रॉइड से बिलकुल अलग ?
आईआईटी मद्रास के निदेशक वी. कामकोटि ने स्वदेशी आत्मनिर्भर मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम BharOS के बारे में जानकारी दी है। वी. कामकोटि के अनुसार, भरोस यूजर्स को उनकी जरूरतों के अनुरूप एप चुनने और उपयोग करने के लिए अधिक स्वतंत्रता, नियंत्रण और लचीलापन प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करता है। फिलहाल स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम(indian os) भरोस की सेवाएं उन संगठनों को प्रदान की जा रही हैं जिन्हें सिक्योरिटी और प्राइवेसी की सख्त आवश्यकता है।
Indian OS का देश के दो मंत्रियो ने किया लाइव टेस्ट
स्वदेशी ऑपेरेटिंग सिस्टम(Indian OS )
ऐसे में इस स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम(indian os) को एंड्रॉइड से ज्यादा भरोसेमंद माना जा रहा है। बता दें कि यह सॉफ्टवेयर जेएनडीके ऑपरेशन्स प्राइवेट द्वारा विकसित किया गया है, जिसे आईआईटी मद्रास प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन द्वारा विकसित किया गया है। यह आईआईटी मद्रास की एक नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी है।
Default App नहीं होंगे
Brar OS नो डिफॉल्ट एप्स (NDA) के साथ आता है। इसका अर्थ है कि यूजर्स को उन एप्स का उपयोग करने के लिए मजबूर नहीं किया जाता, जिनसे वे परिचित नहीं है या जिन्हें वे सिक्योरिटी के लिहाज से सुरक्षित नहीं मानते हैं और उन एप पर भरोसा नहीं कर सकते हैं।
Indian OS कैसे सुरक्षित है “BharOS”?
भरोस संगठन-विशिष्ट प्राइवेट एप स्टोर सर्विस (PASS) से विश्वसनीय एप्स को ही एक्सेस देता है। दरअसल, PASS उन एप्स(indian os) को ही क्यूरेटेड लिस्ट तक पहुंचने की अनुमति देता है, जिन्हें पूरी तरह से जांचा गया है और ऑर्गेनाइजेशन के कुछ सुरक्षा और गोपनीयता स्टैंडर्ड को पूरा किया है।