Gaushala News : तस्करी में पकड़ाए गौवंशो के प्रति शून्य होती मानवीय संवेदनाए
जिंदा गौवंश को खा रहे पिस्सू, न भूसा न पानी, बैतूल जिले की सरकारी गौशालाओं की दुव्र्यवस्था पर उठे सवाल
Gaushala News : सरकारी गौशालाओं की कैद में भूख प्यास से दम तोड़ रहे गौवंश अपना ही गोबर खाने को मजबूर इन जानवरों के प्रति सरकारी सिस्टम में बैठे लोगो की मानवीय संवेदनाए शून्य होती जा रही है। बैतूल जिले की सीमा महाराष्ट्र राज्य की बार्डर से सटी होने के चलते यहॉ से गौवंशो की तस्करी का धंधा जोरो पर है, जिसकी आड़ में कई सफेदपोश पिछले दो तीन साल लाखों छाप कर डंफर से लेकर मंहगी लकझरी गाडिय़ो के मालिक बन चुके है जिनकी खबर आम आदमी को तो परंतू कार्यवाही करने वालो को नही या हो भी तो मौन स्वीकृती दे दी गई है।
तस्करी में पकड़ाए अधिकांश गौवंशो को सरकारी गौशालाओं में डाल दिया जाता है जहॉ इन गौवंशों की जिंदगी के आखरी दिन भूख और प्यास से तड़प तड़पकर कटते है, जिसका कारण है कि इन्हे जिन गौशालाओं में डाला जाता है उनमें से अधिकांश में नाम मात्र के कर्मचारी होते है जो अपनी मर्जी के हिसाब से जानवरों को देखने आते है कई बार तो हप्ते-हप्ते भर इन गायों को पानी और भूसा नही मिलता है।
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इस दौरान कोई प्यास से दम तोडता है तो कोई भूख से | Gaushala News
सरकारी गौशालाओं में लगी पानी की मोटर कही महिनों से बंद पड़ी है तो कही की मोटर को बोर से निकालकर बेच खाई है। गौशालाओं में मरने वाली गायों को क्रूरता की हदे पार कर गले में रस्सी से टेकटर से खीचकर दूर लेकर जाकर फेका जाता है, घसीटने के दौरान कई मृत पशुओ के शरीर से बहता खून मानवीय संवेदनाओं को तार-तार करता स्पष्ट नजर आता है।
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भैसदेही जनपद की ग्राम पंचायत जामझीरी की वंृदावन सरकारी गौशाला में वर्तमान में कैद इन आठ गौवंशों की दुर्दशा का नजारा देखने वालों को अपनी आखों पर यकीन नही हो रहा है कि सरकारी सिस्टम में जिंदा पशुओ के साथ इतना अत्याचार किया जा रहा है। वृंदावन गौशाला के करीब निवासरत लोखंडे परिवार के लोग अपनी यथास्थिति अनुसार दम तोड़ती इन गायों को कभी पानी देते है
तो कभी अपनी गायों के हिस्से का भूसा जिसके कारण शेष गौवंशों की जिंदगी के कुछ दिन और बढ गए है परंतु ग्राम पंचायत जामझिरी के सरपंच और सचिव जिन्हे इस गौशाला को संभालने की जवाबदारी दी गई थी उन्हे होश ही नही है कि आखिर इन गायों का हाल कैसा है। अपनी जिंदगी के आखिरी दिनों में मौत का इंतजार करने को मजबूर ये गाये दिखाती है कि प्रदेश के गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड के नियमों को किस तरह ताक पर रखकर इन गौवंशों की मौत का सौदा किया जा रहा है।
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