Ganesh Ji ki Arti: श्री गणेश जी की आरती,जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा .
Ganesh Ji: हमारा देश धार्मिक प्रवत्ति वाला देश है यहाँ पर सभी देवी देवताओ को प्रकृति से जोड़ा गया है ,जिसमे एक श्री गणेश जी भी है जो की सभी देवताओ में पहले पूजे जाने वाले देवताओ में आते हैं.इनकी पूजा सभी देवीय कामो में सबसे पहले की जाती हैं.सबसे ज्यादा उपयोग होने वाली आरती यहाँ हम प्रस्तुत कर रहे हैं .
Ganesh Ji ki Arti:-भगवान गणेश देवी देवताओ में प्रथम पूजनीय होते है। हमारे देश में जंहा भी कोई अच्छा काम किया जाता है। सबसे पहले उन्ही की पूजा करवाई जाती है। इनका एक नाम विघ्नहर्ता भी है तो मान्यता है की कोई भी काम करने के पहले यदि इनकी पूजा की जाये तो काम बिना किसी रूकावट के सम्प्पन हो जाता है। भगवान गणेश देवो के देव भगवान शिव और माता पार्वती के सबसे छोटे पुत्र हैं। छोटे होने साथ ही ये अपने माता पिता के लाडले भी है। सांसारिक जीवन में भी यह देखे देता है की घर में छोटे बच्चे की ज्यादा चलती है।
भगवान गणेश की पत्नी का नाम रिद्धि और सिद्धि है. रिद्धि और सिद्धि भगवान विश्वकर्मा की पुत्रियां हैं.गणेशजी के अनेक नाम हैं लेकिन ये 12 नाम प्रमुख हैं- सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन. उपरोक्त द्वादश नाम नारद पुराण में पहली बार गणेश के द्वादश नामावलि में आया है. विद्या आरम्भ तथा विवाह के पूजन के प्रथम में इन नामो से गणपति की अराधना का विधान है।
-: श्री गणेश जी की आरती | Ganesh Ji ki Arti :-
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा.
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ..
एक दन्त दयावंत चार भुजाधारी .
माथे पर तिलक सोहे,मुसे की सवारी ..
पान चडे फुल चडे और चडे मेवा.
लड्वन का भोग लगे संत करे सेवा ..
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अंधे को आँख देत कोढन को काया.
बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया …
जय गणेश जय गणेश…
सूरश्याम शरण आय सफल कीजे सेवा .
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा..
जय गणेश जय गणेश…
दिनन की लाज रखो,शम्भू सुतकारी.
कामना को पूर्ण करो,जाऊ बलिहारी..
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा.
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ..