DRINKING WATER : लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने दी पेयजल शुद्धिकरण करने की जानकारी

DRINKING WATER IN RAINY SEASON :- वर्षा ऋतु प्रारंभ होने पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित पेयजल स्रोतों का क्लोरिनेशन का कार्य लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा किया जा रहा है। वर्षा ऋतु में जल जनित बीमारियों के रोकथाम हेतु जल स्रोतों के आस पास साफ सफाई रखी जानी चाहिए।

DRINKING WATER CHECK IN RAINY SEASON

वर्षा काल में पानी शुद्धिकरण की विधियां

घरेलू उपाय- वर्षा ऋतु में भूमिगत जल स्तर बढऩे के कारण हैंडपंप/ट्यूबवेल पानी में गंदलापन/हल्की दुर्गध के साथ कीटाणु भी पाए जा सकते है जो शरीर के लिए विभिन्न बीमारियों का कारण बनते है। अत: ऐसी स्थिति में यदि ग्रामीण क्षेत्रों में जल शुद्धिकरण हेतु आवश्यक रसायन उपलब्ध न हो तो पानी को कम से कम 20 मिनिट तक उबलने के पश्चात ठंडा करके छान कर पानी को पीना चाहिए ताकि पानी के कीटाणु नष्ट हो जाए एवम बीमारियों से बचा जा सके।

लिक्विड क्लोरिनेशन विधि

लिक्विड क्लोरिनेशन बाबत ज्ञात कराया जाता है कि लोक स्वास्थ यांत्रिकीय विभाग में उपलब्ध है जिसका उपयोग जल स्त्रोतों में जल शुद्धिकरण हेतु किया जाता है। व्यक्तिगत जल स्त्रोत के शुद्धिकरण हेतु इस दवाई को विभाग से निशुल्क भी प्राप्त किया जा सकता है।

ट्यूबवेल क्लोरिनेशन विधि

ट्यूबवेल में लिक्विड क्लोरिनेशन बोर की गहराई, लिक्विड क्लोरीन में क्लोरीन के प्रतिशत की मात्रा, बोर की त्रिज्या, बोर की गहराई के अनुसार लिक्विड क्लोरीन को एक लीटर पानी में घोल कर डाला जाता है। सामान्य भाषा में सामान्यत: 100 प्रतिशत लिक्विड क्लोरीन को एक लीटर पानी में घोल कर बोर में डालना चाहिए फिर ऊपर से एक बाल्टी पानी पुन: बोर में डालना चाहिए ताकि क्लोरीन पानी में एकजाई अच्छी तरह से घुल जाए।

DRINKING WATER NEWS BETUL

संभव हो तो क्लोरिनेशन रात में करना चाहिए फिर सुबह पानी पीने के उपयोग में लाना चाहिए, ताकि क्लोरीन पानी में पूरी तरह घुल कर पानी शुद्ध कर सके। घरों में उपलब्ध पानी के बरतन (लगभग 15 लीटर) में रात के समय 3-4 बूंद क्लोरीन दवाई डालकर सुबह पीने हेतु उपयोग कर सकते हैं।

कुएं में क्लोरोनेशन विधि | DRINKING WATER CHECKING

चूंकि कुआ खुला रहता है अत: वर्षा काल में कुएं में कार्बनिक, अकार्बनिक अशुद्धि के साथ अधिक मात्रा में कीटाणु पाए जाने की प्रबल संभावना रहती है जिससे विभिन्न बीमारियां तेजी से फैलती हैं। कुएं में लिक्विड क्लोरिनेशन सबसे अच्छा उपाय माना जाता है। कुएं की गहराई, त्रिज्या, प्रदूषण की मात्रा के अनुसार कुएं का क्लोरिनेशन किया जाता है।

यह भी पढ़े :- BETUL POLICE NEWS: देखे बैतूल पुलिस द्वारा क्यों की गई ”कॉम्बिंग गश्त्”

किंतु कुआ खुला होने से एवं अधिक प्रदूषित हो ने के कारण कुएं में अधिक मात्रा में ( ५ क्कक्करू) करना आवश्यक होता है। अर्थात लगभग एक लीटर लिक्विड क्लोरीन को एक बाल्टी पानी में घोल कर गहराई तक बाल्टी से पानी को ऊपर नीचे हिलाया जाता है, ताकि क्लोरीन कुएं में अच्छी तरह घुल जाए फिर लगभग 8 से 10 घंटे बाद पानी का जल परीक्षण करवा कर ही पानी पीने के उपयोग में लाना चाहिए।

जल परीक्षण सुविधा | DRINKING WATER

यदि पानी पीने में अप्रिय लगे अर्थात पानी प्रदूषित लगे तो 1 लीटर पानी साफ बोतल में भरकर समीप स्थित उपखंड जल परीक्षण प्रयोगशाला मुलताई/ भैंसदेही/ चिचोली/ शाहपुर लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग अथवा जिला जल परीक्षण प्रयोगशाला लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग खंड बैतूल में जमा कर शासन के नियमानुसार जल परीक्षण करवा सकते हैं।

दूषित पेयजल संबंधी समस्या अथवा जल परीक्षण हेतु अनुसंधान सहायक श्री निलेश छात्रपाले मोबाईल नंबर- 8085236933, 7987011712 पर संपर्क कर सकते है।

यह भी पढ़े :- WOMEN HELP DESK: बैतूल के 12 महिला हेल्प डेस्क को किया विकसित

इसी प्रकार की जानकारी और समाचार पाना चाहते हैं तो, हमारे व्हाट्सप्प ग्रुप से जुड़े व्हाट्सप्प ग्रुप से जुड़ने के लिए “कृपया यहां क्लिक” करे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button