Onion and Garlic: देखे क्यों नहीं खाते है सावन माह में प्याज और लहसुन

Do not eat onion and garlic in the month of Sawan: The month of Sawan is very important in Hinduism because this month belongs to Lord Bholenath.

Do not eat onion and garlic in the month of Sawan: हिन्दू धर्म में सावन माह का काफी महत्त्व होता है क्योंकी यह माह भगवान भोलेनाथ का होता है। सावन के माह में बहुत से लहसुन और प्याज का इस्तेमाल पूर्णत: बंद कर देते हैं, ना ही इससे बने पकवान या सब्जी का प्रयोग करते है। इसके पीछे का सबसे बड़ा धार्मिक तथ्य है कि, ये तामसिक भोजन की श्रेणी में आता है इसी कारण से व्रत या उपवास के फलहार और धार्मिक कथा के प्रसाद में इसका इस्तेमाल वर्जित माना जाता है।

लहसुन और प्याज दोनों ही पोषक तत्वों से भरपूर वस्तुये होती हैं। हमसे कुछ लोगो को तो प्याज लहसुन के बिना बनाई गयी सब्जी या और कुछ बनाये गए पकवान प्याज लहसुन के बिना अधूरा सा लगता है लेकिन वहीं हेल्थ स्पेशलिस्ट भी इसे सावन माह में खाने से माना करते हैं।

सावन माह में प्याज और लहसुन नहीं खाने के कारण ( onion and garlic )

धार्मिक मान्यताओ के अनुसार

हिन्दू धर्म में प्याज और लहसुन दोनों को ही तामसिक भोजन की श्रेणी में माना जाता है, इसलिए इसे सावन माह में नहीं कहते है और न ही इससे बानी चीजों का सेवन करते है। हिन्दुओ के लिए सावन का माह एक पवित्र माह होता है।

हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार

सावन माह में प्याज लहसुन का एक कारण यह है की सावन के माह में मानसून शुरू हो जाता है, और मानसून के शुरू होते ही वह अपने साथ कई नहीं बीमारियां भी लेकर आता है। जिससे हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम स्लो हो जाता है जिसके कारण शरीर बीमारियों की चपेट में आसानी से आने लगता है। लहसुन और प्याज की तासीर गरम होती है जो शरीर में हीट जनरेट करने का काम करता है, इसलिए सावन के माह इन दोनों को भोजन में इस्तेमाल करने से मना किया जाता है। इसलिए जो लोग सावन माह में पूजा पाठ, ध्यान, उपवास आदि करते हैं वो इसका सेवन नहीं करते हैं, इसके सेवन से गुस्सा और एंग्जाइटी भी बढ़ती है।

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आयुर्देव के अनुसार

आयुर्वेद के अनुसार लहसुन और प्याज एक औषधि है जिसे शरीर में सुधार के लिए सेवन किया जाता है, लेकिन लोग इसे रोजाना अपने खाने में इस्तेमाल करते हैं, जो लाभ की जगह नुकसान पहुंचाता है। आयुर्वेद लहसुन प्याज को नियमित रूप से आहार में शामिल करने की सलाह इसलिए नहीं देता है क्योंकि इसका अधिक सेवन शरीर में बनने वाले अच्छे बैक्टीरिया को भी खत्म कर देते हैं।

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