CIEF MINISTER: मुख्यमंत्री ने योजना को रिन्यू न कराने पर जताई नाराजगी
पुलिस का स्वास्थ्य और सुरक्षा हमारी प्राथमिकता : मुख्यमंत्री श्री चौहान
CIEF MINISTER MP :- मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों के परिवार के लिए वर्ष 2013 में लागू की गई म.प्र.पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना को वर्ष 2019 के बाद से निरंतर जारी रखने की कार्रवाई नहीं किये जाने पर नाराजगी व्यक्त की है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा पुलिस महकमे को योजना को जारी रखने के लिए तत्काल केबिनेट के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश पर पुलिस विभाग ने तत्काल प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग से सैद्धांतिक सहमति के साथ मंत्रि-परिषद में प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 28 जून 2023 को संपन्न केबिनेट बैठक (CIEF MINISTER) में इस योजना को 31 मार्च 2019 के बाद आगामी 5 वर्ष तक निरंतर संचालन की स्वीकृति दी।
म.प्र.पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना : प्रमुख विशेषताएं
- योजना में मध्यप्रदेश के समस्त पुलिस अधिकारी / कर्मचारी (भारतीय पुलिस सेवा को छोड़कर) एवं उनके परिवार के आश्रित सदस्यों के गंभीर बीमारियों के कैशलेस उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
- पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों एवं उनके आश्रित पारिवारिक सदस्यों को कैशलेस उपचार की सुविधा उपलब्ध कराये जाने के लिये योजना के हितग्राहियों से सदस्यता ग्रहण करते समय प्रवेश शुल्क 100 रूपये (संपूर्ण सेवाकाल में एक बार) एवं 600 रूपये वार्षिक अंशदान प्राप्त कर म.प्र. पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना निधि का गठन किया गया है।
योजना में यह भी है
- मध्यप्रदेश शासन से भोपाल शहर के निर्धारित सीजीएचएस (सेन्ट्रल गव्हर्नमेंट हेल्थ स्कीम) की दरों अनुसार उपचार करने हेतु मान्यता प्राप्त राज्य के अंदर 46 एवं राज्य के बाहर 9 कुल 55 निजी चिकित्सालयों से समन्वय स्थापित कर योजना में जोड़कर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से आरक्षक स्तर के समस्त पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों तथा शासन के नियमानुसार आश्रित पारिवारिक सदस्यों के कैशलेस उपचार कराये जाने के लिये अनुबंध किया गया है।
- योजना में अब तक 26 हजार 709 पुलिस परिवार के सदस्य एवं उनके आश्रित गंभीर बीमारियों के बेहतर एवं जीवन रक्षा उपचार से लाभांवित हुए है।
- यह योजना पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों एवं उनके आश्रित सदस्यों के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इससे राज्य सेवा के समस्त पुलिस अधिकारी-कर्मचारी लाभान्वित हो रहे हैं।
- योजना के फलस्वरूप विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों में स्वास्थ्य उपचार के प्रति सुरक्षा की भावना उत्पन्न हुई है कि आवश्यकता पड़ने पर योजना के माध्यम से नि:शुल्क उपचार हो सकेगा और जिसका बाद मे नियमानुसार स्वीकृति के बाद चिकित्सालयों को भुगतान हो जाएगा।
- ऐसे में उपचार के लिये पहले से राशि की उपलब्धता और उपचार के बाद चिकित्सालयों को तुरन्त भुगतान की स्थिति निर्मित नहीं होगी।
इस प्रकार पुलिस के अधिकारी-कर्मचारी स्वयं के एवं उन पर आश्रित परिवार के सदस्यों की बीमारी के उपचार पर होने वाले व्यय की राशि के प्रति निश्चिंत रहते हैं।
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