Asharamji Ashram Jagran:शिवरात्रि पर संत श्री आशारामजी आश्रम में जागरण संपन्न।
Asharamji Ashram Jagran Betul :- भोलेनाथ के भक्तो की संख्या लाखो में नहीं करोड़ो में कहे तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होंगी ,शिव के भक्त भी भोले नाथ के समान भोले ही हैं। जब उनके भक्तो को उनकी याद आती है सभी एक साथ उनकी सेवा में हाजिर हो जाते हैं।
चारों प्रहर का पूजन करवाया
शिवरात्रि पर जहां एक ओर शिवालयों में पूजन-अभिषेक करने वालों की भीड़ लगी हुई थी और जगह-जगह मेले लगे हुए थे वहीं दूसरी ओर शहर से 7 किलोमीटर की दूरी पर चिखलार(Asharamji Ashram Jagran) के प्राकृतिक, सुरम्य, एकांत सात्विक वातावरण में स्थित संत श्री आशारामजी आश्रम के शिवालय में शिवरात्रि पर श्री योग वेदांत सेवा समिति द्वारा साधकों से सायं 7 बजे से प्रात: 4 बजे तक चारों प्रहर का पूजन करवाया।
आत्मशिव की आराधना | Worship of Self In Asharamji Ashram Jagran
समिति के जिलाध्यक्ष राजेश मदान ने बताया कि पूज्य बापूजी ने शिवरात्रि की महिमा बताते हुए कहा कि शिवरात्रि को व्रत उपवास के साथ एकांत में जप, ध्यान, मौन और मानसपूजन करके आत्मशिव की आराधना(Asharamji Ashram Jagran) का विशेष महत्व है। इसी बात को ध्यान रखते हुए आश्रम में कार्यक्रम आयोजित कर शिवलिंग के चारों प्रहर के पूजन, अभिषेक के साथ सामूहिक जप, ध्यान, भजन-कीर्तन और सत्संग का आयोजन भी किया गया।
जप और प्रार्थना | Chanting and prayer in Asharamji Ashram Jagran
जिसमें साधकों ने सनातन हिन्दू संस्कृति की रक्षा व झूठे केस में फसाये गए निर्दोष हिन्दू संत श्री आशारामजी बापू की शीघ्र ससम्मान रिहाई के संकल्प के साथ जप और प्रार्थना की। बैतूल के आश्रम के अलावा मुलताई, शोभापुर, सारणी के आश्रमों में भी पूजन कार्यक्रम के बाद भंडारे का आयोजन किया गया।
साधक रहे शामिल
इस मौके पर जिलाध्यक्ष राजेश मदान के साथ प्रभाशंकर वर्मा, सुरेंद्र कुंभारे, अनूप मालवीय, अलकेश सूर्यवंशी, किशन बामने, गजानंद बामने, परसराम मर्सकोले, रवि आर्य, डॉ.राजकुमार मालवीय सहित अन्य अनेक साधक मौजूद थे।