AMIT CHOUDHARY STORY : आत्मविश्वास और कलम की प्रेरणादायक सच्ची कहानी।

AMIT CHOUDHARY STORY :- एक 18 वर्षीय युवक जो ख़ुद को बचपन से सैनिक की वर्दी में देखने के लिए दिन रात मेहनत करता है पर भाग्य में तो कुछ ओर ही लिखा होता है। अचानक एक रात ऐसी घटना होती हैं कि उसे जेल होती हैं। जिस उम्र में लोग अपने सपने बुनते हैं, उस उम्र में उसके सपने टूटकर वह खुद को सलाखों के पीछे खड़ा पाता है, पर ख़ुद पर भरोसा और कड़ी मेहनत कर वह वकालत की पढ़ाई करता हैं फिर ख़ुद का केस लड़ता है और जीतता भी हैं और ख़ुद को निर्दोष साबित करता हैं। मूवी की तरह लगने वाली यह प्रेरणादायक कहानी आखिर किसकी है…? मैं बात कर रही हूं ( Advocate Amit Choudhary) की।

घटना | AMIT CHOUDHARY STORY BY SHRISHTI

यह बात उन दिनों की हैं जब अमित अपनी बहन के घर शामली जनपद क्षेत्र गए थे। उन दिनों उस क्षेत्र में डकैती सुर्खियों में थी। 11 अक्टूबर 2011 की रात UP सरकार के दो पुलिसकर्मियों की हत्या कर डकैत रायफले लूट लेते हैं। पुलिसकर्मियों की हत्या वाली इस घटना में सरकार ने जल्द से जल्द कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।

यह घटना होने के बाद पुलिस अधिकारियों ने तुरंत एक्शन लिया और इस घटना के लिए 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें एक 18 वर्षीय युवक अमित भी होता है, इसमें अमित का कोई दोष नहीं होता है फिर भी अमित को मुजफ्फर नगर की जेल में 2 वर्ष 4 महीने जेल में काटने पड़ते हैं….पर इस बीच उनका आत्मविश्वास और अच्छे लोगों साथ वो नहीं छोड़ते हैं।

परिस्थितियां

अमित 862 दिनों बाद 2013 में जेल से जब अपने घर आए तो इस घटना से उनके परिवार, रिश्तेदार और दोस्त दूर हो चुके थे उनकी निंदा कर रहे थे। फिर अमित ने घर छोड़ दिया। लेकिन अमित के माता-पिता हमेशा अप्रत्यक्ष रूप से अमित के साथ ही रहे।

अमित ने कलम को अपना हथियार बनाया

ये वही समय था जब अमित ने खुद को निर्दोष साबित करने का फ़ैसला लिया और कलम को अपना हथियार बनाया और वकालत की पढ़ाई करने का फ़ैसला लिया। ताकि खुद के साथ साथ दूसरे निर्दोष लोगो को भी न्याय दिलवा सके। फिर वो गुड़गांव आ गए और वहां एडवोकेट वंदना मैम से मिले जिनसे उन्हें मानसिक और आर्थिक सहायता भी मिली।

पैदल चल के पढाई की | AMIT CHOUDHARY STORY

अमित ने Merut University से 2015-18 तक अपनी LLB फिर LLM की पढ़ाई की। पर इस बीच का जीवन उनका संघर्षपूर्ण रहा था रोज 5 km पैदल जाना,1 time का ही खाना खा पाते, अखबार बेचते थे और अपना जीवन व्यतीत करते हैं और कड़े संघर्ष के बाद अपनी पढ़ाई पूरी करते हैं।

जीत और संघर्ष का फल

2018 में अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद अमित 2019 में Bar Council of UP में रजिस्ट्रेशन कराते हैं और मुजफ्फर नगर की अदालत में एडवोकेट के रूप में कार्य करते हैं तथा खुद का केस भी लड़ते हैं, अमित के कड़े संघर्ष के बाद अंततः 27 sep 2023 को अमित अपना केस जीतकर ख़ुद को निर्दोष साबित करते हैं। अमित का 18 से 30 वर्ष का समय बहुत संघर्षपूर्ण रहता हैं।

सीख |AMIT CHOUDHARY STORY BY SHRISHTI DESHMUKH

  • अमित का जीवन प्रेरणादायक रहता हैं जिस बीच वो एक बात पर हमेशा कायम रहते हैं कि जब आप अच्छे होते हैं, तो आपको अच्छे लोग मिल ही जाते हैं। यदि आप सही काम करते हैं तो, उसका परिणाम भी आपको अच्छा मिलता है।
  • अमित ने वलाकात को इसलिए भी चुना था कि ख़ुद की तरह अन्य को भी सही न्याय दिलाना चाहते थे इसलिए उन्होंने कहा भी की अपने लिए जिए भी तो क्या जिए, ए दिल! तू जी जमाने के लिए।

एडवोकेट Amit Choudhary की यह संघर्षपूर्ण और प्रेरणादायक कहानी है, पर एक बात तो हैं। कहानी कोई भी हो उसमें संघर्ष जरूर होता है, वैसे भी बिना संघर्ष जीवन ही क्या ?

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✒लेखक सृष्टि देशमुख

संपादक कार्तिक त्रिवेदी

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