Acharyashri Vidyasagar Ji Maharaj 17 फरवरी को हुई समाधि, मुनिश्री समय सागर जी होंगे अगले आचार्य
आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ने 6 फरवरी को त्याग दिया था आचार्य पद !
Acharyashri Vidyasagar Ji Maharaj : युग दृष्टा ब्रह्मांड के देवता संत शिरोमणि आचार्य प्रवर श्री विद्यासागर जी महामुनिराज दिनांक 17 फरवरी शनिवार 2024 तदनुसार माघ शुक्ल अष्टमी दसलक्षण पर्व के अंतर्गत उत्तम सत्य धर्म के दिन रात्रि में 2:35 बजे हुए ब्रह्म में लीन।
हम सबके प्राण दाता राष्ट्रहित चिंतक परम पूज्य गुरुदेव ने विधिवत सल्लेखना बुद्धिपूर्वक धारण कर ली थी। पूर्ण जागृतावस्था में उन्होंने आचार्य पद का त्याग करते हुए 3 दिन के उपवास गृहण किये और आहार एवं संघ का प्रत्याख्यान कर दिया, उन्होंने प्रत्याख्यान व प्रायश्चित देना बंद कर दिया था और अखंड मौन धारण कर लिया था।
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Acharyashri Vidyasagar Ji Maharaj
6 फरवरी मंगलवार को दोपहर शौच से लौटने के बाद संघ के मुनिराजों को अलग भेजकर निर्यापक श्रमण मुनिश्री योग सागर जी से चर्चा करते हुए संघ संबंधी कार्यों से निवृत्ति ले ली और उसी दिन आचार्य पद का त्याग कर दिया था। उन्होंने आचार्य पद के योग्य प्रथम मुनि शिष्य निर्यापक श्रमण मुनि श्री समयसागर जी महाराज को योग्य समझा और तभी उन्हें आचार्य पद दिया जावे ऐसी घोषणा कर दी थी जिसकी विधिवत जानकारी 18 फरवरी को दी जाएगी।
गुरुवरश्री जी का डोला चंद्रगिरी तीर्थ डोंगरगढ में दोपहर 1 जे निकाला जाएगा एवं चन्द्रगिरि तीर्थ पर ही पंचतत्व में विलीन किया जाएगा। सल्लेखना के अंतिम समय श्रावकश्रेष्ठी अशोक जी पाटनी आर के मार्बल किशनगढ राजा भाई सूरत प्रभात जी मुम्बई अतुल शाह पुणे विनोद बडजात्या रायपुर किशोर जी डोंगरगढ़ भी उपस्थित रहे।
प्रतिष्ठाचार्य- बा.ब्र. विनय भैया “सम्राट” चन्द्रगिरि तीर्थ डोंगरगढ़
रिपोर्टर नीरज वैदराज
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