GANESH MURTI 2023 : आ रहे है गणेश जी, इस तरह करे मूर्ति का चयन
GANESH MURTI 2023 : हर साल की तरह इस साल भी गणेश जी अपने धूम-धाम से आने को तैयार है। हर साल भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की स्थापना की जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, गणेश चतुर्थी 18 सितंबर 2023 को दोपहर 12:39 बजे शुरू होगी और 19 सितंबर को रात 8:43 बजे समाप्त होगी। साथ ही इस वर्ष गणेश उत्सव की शुरुआत 19 सितम्बर 2023 से हो रही है और 28 सितंबर 2023 को विसर्जन होगा। भगवान गणपति बुद्धि व शुभता के देवता है। मान्यता है कि जहां पर लंबोदर विराजते हैं। वहां हर समय सुख-समृद्धि रहती है।
पौराणिक मान्यता है कि गणेश महोत्सव के दौरान गणेश जी की विधि पूर्वक पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। वैसे तो भगवन गणेश जी स्वयं विघ्नहर्ता है। साथ ही सभी भगवानो में प्रथम पूजनीय भी है। और तो और इनकी पूजा-पाठ करना भी आसान होता है। गणेश जी का भोग भी लगाना भी बहुत आसान होता है।
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आइये जानते है भगवान गणेश की कैसी मूर्ति घर लानी चाहिए | GANESH MURTI 2023
- गणेश उत्सव के लिए बाईं तरफ सूंड वाली प्रतिमा लाने की सलाह दी जाती है। शास्त्र के अनुसार बाईं तरफ वाले गणेश जी को वाममुखी गणपति कहा जाता है।
- दाईं तरफ सूंड वाले गणपति को सिद्धिविनायक कहते हैं। इनकी पूजा करते समय बहुत नियमों का पालन करना जरूरी है, जो मंदिर या धार्मिक स्थल पर संभव हैं।
- गणपति बप्पा की मूर्ति को स्थापित करने के लिए उत्तर-पूर्व की दिशा सबसे उत्तम है।
- गणेश जी की मूर्ति का मुख घर के मुख्य द्वार की ओर होना चाहिए।
- गणेश जी बैठे या लेटे मुद्रा की मूर्ति सबसे अच्छी होती है। इसे सुख-समृद्धि और शांति आती है।
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वास्तु के अनुसार गणेश जी के लाभ
- लाल सिंदूर रंग के गणेश बिठाने से आत्म विश्वास बढ़ता है।
- सुख-समृद्धि शांति के लिए सफेद रंग की गणेश जी लाए।
- हल्दी के गणेश बिठाने से सौभाग्य और शुभ बढ़ता है।
- कॉपर के गणेश बिठाने से नव विवाहित जोड़ों के लिए शुभ होता है।
- आम, पीपल और नीम के गणेश जी बिठाने से पॉजिटिव एनर्जी और गुड लक आता है।
- गाय के गोबर के गणेश को सौभाग्य के प्रतीक माना जाता है।
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