Dr Varun Kapoor : सायबर अपराध को समझे और जागरूक बने
Cyber Awareness Campaign by Dr Varun Kapoor : अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डॉं. वरूण कपूर द्वारा सायबर जागरूकता अभियान “Black Ribbon Initiative” के तहत 625वीं कार्यशाला “SDPS International School, Indore” में 25 जुलाई को आयोजित की गई। इस कार्यशाला में स्कूल के 526 छात्र-छात्राओं एवं 19 अध्यापकगणों ने भाग लिया। कार्यशाला में डायरेक्टर श्री अंशुल सोजातिया, प्राचार्या श्रीमती प्रतिभा कानूनगो एवं वाईस प्रिंसिपल श्रीमती नीलम अग्रवाल मुख्य रूप से सम्मिलित हुये। डॉं. वरूण कपूर ने कार्यशाला को संबोधित करते हुये बुलिंग, फिशिंग, ग्रुमिंग के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी देते हुये बताया कि कम्प्यूटर/स्मार्ट फोन एवं इंटरनेट के क्षेत्र में विकास के नये-नये आयाम जुड़ते जा रहे है।
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हम अपने कार्यो के लिये काफी हद तक इंटरनेट पर निर्भर हो गये हैं । इसके बिना हमारा दैनिक कार्य करना कठिन हो गया है। जिस गति से कम्प्यूटर तकनीक-इंटरनेट के क्षेत्र में विकास हो रहा है, अपराधी भी हाईटेक तरीके से डिजिटल डिवाइसेस कम्प्यूटर, स्मार्ट फोन, इंटरनेट का प्रयोग कर वित्तीय धोखाधड़ी/ठगी, डेटा चोरी, धमकाकर पैसे वसूलने, जासूसी, अवैध गतिविधियों का संचालन जैसी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। इसके साथ ही असामाजिक तत्वों द्वारा सोशल मिडिया प्लेटफार्म का उपयोग देश में घृणा, अशांति, दंगा-फसाद फैलाने के लिये किया जा रहा है।
मणीपुर की घटना का दिया उदाहरण | Dr Varun Kapoor
Dr Varun Kapoor ने कहा मणीपुर की घटनायें इसका एक उदाहरण है जिसमें असामाजिक तत्वों द्वारा सोशल मिडिया पर आपराधिक घटनाओं के वीडियो प्रसारित कर राज्य में दंगे भड़काये गये। इंटरनेट के बारे में सभी लोगों को जानकारी है किन्तु सायबर अपराधों की जानकारी नहीं है। महिलायें एवं बच्चें सायबर अपराधियों के सबसे आसान शिकार होते हैं क्योंकि उन्हें अच्छे-बुरे का अन्तर करना नहीं आता। सायबर अपराध क्या है इससे वे अनभिज्ञ होते हैं। जानकारी एवं जागरूकता के बिना हम सायबर अपराध के शिकार होने से बच नहीं सकते। बच्चों में ऑनलाईन गेमिंग की लत बढ़ती जा रही है जो बच्चों के लिये घातक है। इंटरनेट का उपयोग अपनी पढ़ाई के लिये करें और सोशल मिडिया व ऑन लाईन गेमिंग के लिये समय सीमा निर्धारित करें।
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जॉंच पड़ताल किये बिना किसी भी साफ्टवेयर/एप/गेम को डाउनलोट/इंस्टाल न करें। अनजान लिंक को क्लिक न करें। किसी भी वेब साईट्स पर अपनी निजी जानकारी शेयर न करें। अनजान व्यक्तियों को न तो फ्रेण्ड रिक्वेस्ट भेजे और न ही फ्रेण्ड रिक्वेस्ट स्वीकार करें। फ्रेण्ड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से पहले पूरी जॉंच पड़ताल करें । फर्जी बैंक काल से सावधान रहे और अपने बैंक खाते, आधार कार्ड, पेनकार्ड, ओटीपी/यूपीआई-पिन की जानकारी शेयर न करें । पासवर्ड को समय समय पर बदलते रहे, क्योंकि सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। डॉं. कपूर द्वारा सोशल नेटवर्किंग एवं कम्प्युनिकेशन में अंतर बताते हुये अपने बारे में कितनी इनफारमेशन कब, कैसे और कहॉं शेयर करनी है, किस पोस्ट को लाईक, शेयर एवं फारवर्ड करने के बारे में सचेत रहने की आवश्यकता पर बल दिया।
छात्र-छात्राओं ने किये प्रश्न
छात्र-छात्राओं ने अपनी जिज्ञासा प्रश्नों के माध्यम से रखी जिनका समाधान डॉं. कपूर ने सहजता से किया। कार्यशाला में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दो छात्राओं सक्षम राज्यपाल एवं पीहू चौबे को डॉं. कपूर ने प्रमाण-पत्र व गोल्डन बैज प्रदान कर सम्मानित किया । कार्यशाला का संचालन प्रीति धवन द्वारा किया गया। कार्यशाला के समापन पर स्कूल की प्राचार्या प्रतिभा कानूनगो द्वारा डॉं. वरूण कपूर को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेट किया गया।
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