Baba Jathandev :महाशिवरात्रि पर्व पर दर्शन के लिए पहुंचे भाजपा जिला अध्यक्ष।
प्राकृतिक सौंदर्य के बीच ग्राम पचामा में स्थित है रमणिक स्थल .
Baba Jathandev Darshan:- महाशिवरात्रि के अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष आदित्य बबला शुक्ला ने जिले के पाढ़र क्षेत्र में ऐतिहासिक रमणीक स्थल में बसे बाबा जठानदेव के दर्शन किए। बता दें कि यह पर्यटन स्थल जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर ग्राम पचामा में स्थित है। यह स्थल अपने पीछे लंबा इतिहास लिए खड़ा है।
Baba Jathandev क्षेत्र हरियाली के बीचोबीच
जठानदेव का धार्मिक स्थल पचामा गांव से बिल्कुल सटा हुआ है, जो अपने कोख में कई रहस्यों को छिपाए है। क्षेत्र हरियाली के बीच बसा हुआ है, यहां पर्वत श्रृंखलाएं हैं। पहाड़ों के बीच स्थित जठानदेव का धार्मिक स्थल(Baba Jathandev) प्राकृतिक सौंदर्य का बोध कराता है। इस धार्मिक स्थल के बारे में कहा जाता है कि दर्शन हेतु आने वाले भक्तगण यहां सुकून व ताजगी का अनुभव करते हैं।
Baba से जिले की उन्नति की कामना
भाजपा जिलाध्यक्ष बबला शुक्ला ने बाबा जठानदेव के दर्शन के साथ ही जिले की उन्नति की कामना की।अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी अबीजर हुसैन ने बताया महाशिवरात्रि पर्व पर पाढ़र के सेवा मंडल द्वारा यहां भंडारे का आयोजन किया गया था। भाजपा जिलाध्यक्ष ने भंडारे कार्यक्रम में शामिल होकर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया।
मुख्य रूप से उपस्थित थे
इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष आदित्य शुक्ला के साथ, अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी अबीजर हुसैन, युवामोर्चा जिलामंत्री आदर्श मालवीय, युवामोर्चा मंडल अध्यक्ष सिद्धार्थ बिहारे, मंडल महामंत्री मुकेश गायकवाड, प्रतिक रघुवंशी, पिछड़ा वर्ग मोर्चा के मंडल अध्यक्ष सुनील राय, भाजपा नेता राजा सूर्यवंशी, युवा मोर्चा के प्रतीक आर्य, महामंत्री अजय धुर्वे, आकाश यादव, रितेश यादव, सेवक यादव, अमित यादव, दिपांसु साहू, सागर चांदसुरे, रमेश चांदसूरे मुख्य रूप से उपस्थित थे।
रोचक है Baba Jathandev की कहानी
बाबा जठानदेव स्थान के इतिहास के बारे में जानकार बताते है कि इस जगह पर वर्ष 1985 से 1990 के समय गुफा हुआ करती थी। यहां जनजाति समुदाय पूजा करने आते थे। पहले गुफा (Baba Jathandev)के ऊपर से झरना बहता था। पिछले 10 वर्षों से यह क्षेत्र वन विभाग के अंतर्गत है।
ग्राम पंचायत पचामा के संरक्षण में यहां प्रतिवर्ष मेला (Baba Jathandev)आयोजित किया जा रहा है, जिसमें रामसत्ता, डंडार, कबड्डी जैसी प्रतियोगिता भी आयोजित होती है। आस्था के इस केंद्र में आज भी प्राकृतिक रूप से झरने से बाबा के शिवलिंग पर जलाभिषेक होता है।